कोरोना का कहर थामने में मौसम नहीं दे रहा साथ, अभी 10 अप्रैल तक करना होगा इंतजार Meerut News

Weather कोरोना के प्रकोप को कम करने के लिए लोग तापमान बढ़ने की आस में हैं। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो 10 अप्रैल के पहले तापमान तेजी नहीं पकड़ेगा।

By Prem BhattEdited By: Publish:Tue, 31 Mar 2020 02:15 PM (IST) Updated:Tue, 31 Mar 2020 02:15 PM (IST)
कोरोना का कहर थामने में मौसम नहीं दे रहा साथ, अभी 10 अप्रैल तक करना होगा इंतजार Meerut News
कोरोना का कहर थामने में मौसम नहीं दे रहा साथ, अभी 10 अप्रैल तक करना होगा इंतजार Meerut News

मेरठ, जेएनएन। Weather मार्च बीतने को है, लेकिन अभी तक एक बार भी पारा 35 डिग्री के अंक को नहीं स्पर्श कर सका है। वर्ष 2014 के बाद पहली बार ऐसा मौका है, जब अधिकतम तापमान अपने उच्चतम बिंदू इतना नीचे रहा है। ऐसा तब है जब कोरोना के प्रकोप को कम करने के लिए लोग तापमान बढ़ने की आस में हैं। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो 10 अप्रैल के पहले तापमान तेजी नहीं पकड़ेगा।

मार्च में नहीं बढ़ पाया पारा

अमूमन मार्च के अंत में लोग रात में पंखा चलना शुरू कर देते हैं, लेकिन इस बार अभी भी रात में हल्का कंबल ओढ़ने की जरूरत समझी जा रही है। एक के बाद एक पश्चिम विक्षोभ के सक्रिय होने से इस बार मार्च में तापमान बढ़ नहीं पाया है। वर्ष 2015 के बाद इस बार बारिश भी सर्वाधिक 49 मिमी बारिश हुई है। इनसे वातावरण में आद्रता बनी है।

तापमान और कोरोना वायरस

कोरोना वायरस पर शोध करने वालें विशेषज्ञों का बड़ा वर्ग बढ़े तापमान को इस वायरस को नियंत्रित करने का प्रमुख कारक मान रहा है। हालांकि कई विशेषज्ञों का मानना है कि तापमान का इस पर कोई प्रभाव नहीं है। चूंकि दुबई जैसे गर्म क्षेत्रों में भी इसका प्रभाव रहा है। एक शोध का हवाला देते हुए वरिष्ठ फिजीशियन डा.अनिल कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के छींकने व खांसने से फैलता है। मनुष्य की एक बार छींक या खांसी से 3000 बूंदें पैदा होती हैं। यह अधिकतम एक मीटर की दूरी तक आसपास की सतह पर गिरती हैं। अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति उस सतह को जहां यह बूंदे गिरती हैं स्पर्श करता है और उन्हीं हाथों को अपने आंख मुंह में लगाता है या बिना हाथ धोए खाता-पीता है तो वह भी संक्रमित हो जाता है। छींक और खांसी की सूक्ष्म बूंदें कुछ देर तक हवा में रहती हैं। अगर सामने कोई व्यक्ति खड़ा है उसके संक्रमित होने के बहुत आशंका रहती है।

नमी से कोरोना बढ़ने का खतरा

ऐसे में अगर वातावरण में नमी है तो हवा में कोरोना संक्रमित बूंदों का जीवन काल बढ़ जाता है। इसीलिए मास्क लगाने और बार बार हाथ धोने की सलाह दी जा रही है। एक बात स्पष्ट है कि वायरस छूने से नहीं, बल्कि शरीर के अंदर जाने पर संक्रमित करता है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर गर्मी पड़ेगी तो जिन सतह पर संक्रमित बूंदे गिरेंगी, वे जल्द सूखेगी, वायरस जल्द डिएक्टिवेट हो जाएगा और संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा।

यह है पूर्वानुमान

एक कम तीव्रता का पश्चिम विक्षोभ सोमवार की शाम से सक्रिय हो रहा है। जिसके प्रभाव से उत्तराखंड में अच्छी बारिश होगी। मेरठ में बादल छाए रहेंगे और तापमान में बढ़ोत्तरी नहीं होगी। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के डा.यूपी शाही ने बताया कि एक अप्रैल के बाद मौसम साफ रहेगा, लेकिन पांच अप्रैल को फिर से एक पश्चिम विक्षोभ आ रहा है। इसका असर भी दो दिन तक रहेगा। इन परिस्थितियों में 10 अप्रैल तापमान 32 के पार जाने की संभावना नहीं है। 

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