कोरोना वायरस की वजह से रुका काम, अब आइटी पार्क में जून तक जॉब मिलना मुश्किल meerut news

कोरोना की वजह से अब आइटी पार्क में जून तक जॉब मिलना मुश्किल है। कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए अप्रैल में विज्ञापन जारी होना था लेकिन अब वह भी नहीं हो पाएगा।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 25 Mar 2020 01:55 PM (IST) Updated:Wed, 25 Mar 2020 01:55 PM (IST)
कोरोना वायरस की वजह से रुका काम, अब आइटी पार्क में जून तक जॉब मिलना मुश्किल meerut news
कोरोना वायरस की वजह से रुका काम, अब आइटी पार्क में जून तक जॉब मिलना मुश्किल meerut news

मेरठ [ प्रदीप द्विवेदी] । कोरोना की वजह से अब आइटी पार्क में जून तक जॉब मिलना मुश्किल है। इंटीरियर का काम रुक गया है। कंपनियों को आमंत्रित करने के लिए अप्रैल में विज्ञापन जारी होना था, लेकिन अब वह भी नहीं हो पाएगा। 31 मार्च तक बिल्डिंग हैंडओवर होनी थी, यह भी स्थगित हो गया। खैर, जब भी स्थिति नियंत्रित होगी और माहौल सामान्य होगा, तब यही आइटी पार्क रोजगार से गुलजार कर देगा। अच्छी बात यह है कि जब तक माहौल शांत था, तब तक औसतन रोजाना दो कंपनियों के प्रतिनिधि इसकी जानकारी लेने आते थे। यानी जब भी विज्ञापन निकलेगा कंपनियों की कमी नहीं रहेगी। फिलहाल जानिए आपके शहर में बन रहा आइटी पार्क कैसा होगा।

बाजार से बेहद कम किराया होगा

कंपनियां यहां इसलिए भी आना चाहेंगी, क्योंकि उन्हें बेहद कम किराया चुकाना होगा। आवश्यक संसाधन आइटी पार्क की ओर से ही मिलेगा। काम का माहौल रहेगा। इसमें कार, बाइक व साइकिल खड़ी करने की अलग पार्किंग रहेगी। बेसमेंट में पार्किंग अलग रहेगी। ग्राउंड फ्लोर के अतिरिक्त प्रथम व द्वितीय फ्लोर भी है। दो लिफ्ट से आना-जाना रहेगा। कुछ कंपनियों ने हाल ही में पूरा भवन किराये पर लेने के लिए संपर्क किया था, लेकिन ऐसी कंपनियों को मना कर दिया गया। क्योंकि इसका मकसद अलग-अलग कंपनियों को आमंत्रित करके रोजगार देना है, न कि किराया वसूल करके लाभ कमाना।

हर मंजिल पर पैंट्री, मिलेगा नाश्ता

स्टाफ को नाश्ता आदि के लिए हर मंजिल पर पैंट्री कक्ष भी रहेगा। यहां नाश्ता की चीजें महंगी भी नहीं होंगी। स्टाफ की रुचि का भी ध्यान रखा जाएगा। मौसम आधारित चीजें भी मिलेंगी।

करीब पांच हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

एक अनुमान के मुताबिक आइटी पार्क से करीब पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां सॉफ्टवेयर, नेटवर्किंग कंपनियों के साथ ही बीपीओ व डाटा ट्रांसफर करने वाली कंपनियों के कार्यालय खुलेंगे। मोबाइल नेटवर्क वाली कंपनियों के यहां सेटअप रहेंगे। आइटी पार्क का निर्माण भारत सरकार के प्रोजेक्ट से संबंधित कंपनी एनपीसीसी (नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन) के निर्देशन में हो रहा है। भवन तैयार करके इसे एसटीपीआइ (सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया) को हैंडओवर कर दिया जाएगा। सरकारी क्षेत्र के आइटी पार्क का संचालन एसटीपीआइ ही करता है।

कंपनियों ने मेरठ के एसटीपीआइ के लिए रुचि दिखाई 

वहीं, एसटीपीआइ के संयुक्त निदेशक बृजेश कुमार ने बताया कि तमाम कंपनियों ने मेरठ के एसटीपीआइ के लिए रुचि दिखाई है। भवन हैंडओवर करने के बाद कंपनियों को विज्ञापन निकालकर आमंत्रित किया जाएगा। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे व आगामी प्रोजेक्ट रैपिड रेल इसके लिए खास लाभदायक होंगे।

बाधाएं कराती रहीं देरी

यह भवन पिछले साल ही हैंडओवर हो जाना था, लेकिन लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले इसका कार्य रुक गया था, जो जुलाई में फिर से विधिवत शुरू हो पाया। इसका लेआउट बदलने पर बिल्डिंग का विस्तार भी किया गया था। वहीं आंतरिक कार्यो के लिए डिजाइन मैप आने में भी देरी हुई। शुरुआत में किसानों ने भी अवरोध उत्पन्न किया। कार्यदायी संस्था को धनराशि भुगतान करने में भी देरी हुई। प्रदूषण की वजह से भी काफी दिन काम बंद रहा। अब कोरोना की वजह से काम ठप है।

कंप्यूटर रखते ही शुरू होगा काम

सॉफ्टवेयर, नेटवर्किंग, कंप्यूटर इंजीनियरों को नौकरी देने के मकसद से देहरादून बाईपास पर एमडीए की आवासीय योजना वेदव्यासपुरी में आइटी पार्क निर्माणाधीन है। इसमें कंपनियों को अपना कोई इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने की जरूरत नहीं रहेगी। कुर्सी-मेज से लेकर सोफा व केबिन तक सब आइटी पार्क प्रबंधन की ओर से मिलेगा। जिन कंपनियों को यहां कार्यालय खोलने का मौका मिलेगा वे सिर्फ अपना स्टाफ व कंप्यूटर आदि रखकर काम शुरू कर देंगी।

सेमिनार आदि के लिए बना है ऑडिटोरियम

भवन में 2500 वर्ग फीट का एक भव्य ऑडिटोरियम बनाया गया है। इसमें सेमिनार या अन्य कोई कार्यक्रम किया जा सकेगा। जिस भी कंपनी को यहां कार्यक्रम करना होगा उसे इसका किराया अलग से देना होगा। 2500 वर्ग फीट के तीन बड़े हॉल भी हैं। अगर कोई पूरा हॉल अपने कार्य के लिए किराये पर लेना चाहेगा, तो उसे दिया जाएगा।

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