राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना : आगरा के ट्रैफिक मैनेजमेंट से रूबरू हुए निगम अधिकारी Meerut News

मेरठ नगर निगम के अधिकारियों ने आगरा स्मार्ट सिटी में किए जा रहे कार्यों का जायजा लिया है ताकि मेरठ में उन कार्यो को मूर्त रूप दिया जा सके।

By Prem BhattEdited By: Publish:Wed, 27 Nov 2019 01:32 PM (IST) Updated:Wed, 27 Nov 2019 01:32 PM (IST)
राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना : आगरा के ट्रैफिक मैनेजमेंट से रूबरू हुए निगम अधिकारी Meerut News
राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना : आगरा के ट्रैफिक मैनेजमेंट से रूबरू हुए निगम अधिकारी Meerut News

मेरठ, जेएनएन। राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना में शामिल होने के बाद मेरठ को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद तेज हो गई है। निगम अधिकारियों ने आगरा स्मार्ट सिटी में किए जा रहे कार्यों का जायजा लिया है, ताकि मेरठ में उन कार्यो को मूर्त रूप दिया जा सके। मंगलवार को आगरा नगर निगम के दौरे से लौटे सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह ने बताया कि राज्य स्मार्ट सिटी मिशन योजना के तहत नगर निगम इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करना है। आगरा में यह व्यवस्था स्मार्ट सिटी के तहत स्थापित हो चुकी है।

यह है आगरा की व्‍यवस्‍था

वहां 285 करोड़ रुपये खर्च कर आइटीएमएस कंट्रोल रूम समेत अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं। हर चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे कई एंगल में लगे हैं। ट्रैफिक संचालन को एक कक्ष में बैठकर बड़ी स्क्रीन में देखा जाता है और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को स्क्रीन पर ही चिह्न्ति कर उनके पते पर चालान भेज दिया जाता है। सिग्नल से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी इसी कंट्रोल रूम से संचालित होती हैं। नगर निगम मेरठ में भी यह व्यवस्था लागू करने पर विचार चल रहा है, लेकिन प्रोजेक्ट की लागत अधिक है। आगरा में टैफिक मैनेजमेंट के अध्ययन से आगे प्रस्ताव बनाने में काफी मदद मिलेगी।

अलाव नहीं, इस बार ठंड में गैस हीटर का प्रस्ताव

वायु प्रदूषण के चलते इस बार अलाव में लकड़ी जलाने के बजाय गैस हीटर या इलेक्टिक हीटर के विकल्प पर नगर निगम प्रशासन विचार कर सकता है। इस मामले में मंगलवार को नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने नगर आयुक्त को सुझाव पत्र भेजा है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेंद्र सिंह ने सुझाव पत्र में लिखा है कि जिलाधिकारी ने ठंड और शीतलहर में कंबल वितरण और अलाव जलाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

पत्र भेजकर दिया सुझाव

एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण, शासन और कमिश्नर ने वायु प्रदूषण के विभिन्न कारकों को प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में मेरठ का वायु गुणवत्ता सूचकांक स्तर बेहद खराब बताया जा रहा है। अलाव में लकड़ी जलाने पर धुंआ उत्सर्जित होता है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने नगर आयुक्त को पत्र भेजकर सुझाव दिया है कि लकड़ी की जगह ग्रीन एनर्जी जैसे, गैस हीटर या इलेक्टिक हीटर का उपयोग किया जाना उचित रहेगा। इससे वायु प्रदूषण के मद्देनजर एनजीटी के निर्देशों का पालन भी किया जा सकेगा।

आगरा नगर निगम ने की है पहल

इस बार आगरा नगर निगम ने अलाव में लकड़ी की जगह गैस हीटर जलाने की पहल की है। जरूरत के हिसाब से यह जलाए और बुझाए जा सकें गे। तापमान भी कम ज्यादा किया जा सकेगा। इससे दो फायदे हैं एक तो लकड़ी चोरी रुकेगी और दूसरा धुआं भी नहीं उठेगा। आगरा नगर निगम के दौरे से लौटे सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह ने बताया कि आगरा नगर निगम के अधिकारियों से बात की थी। उनका कहना है कि गैस हीटर शुरुआत में खरीदने पड़ेंगे, जिनका खर्चा अधिक है। इनका परिचालन खर्च लकड़ी के अलाव जलाने के मुकाबले कम आएगा। यह व्यवस्था ठेके पर शुरू कराई जा सकती है।

जरूरी है लकड़ी का विकल्प नगर निगम हर साल अलाव 15 दिसंबर से 10 फरवरी के बीच जलाता है। शहर में रैनबसेरा समेत करीब सौ स्थानों पर यह अलाव जलते हैं। औसतन प्रतिदिन 30 कुंतल लकड़ी की आवश्यकता पड़ती है। करीब 55 दिन में औसतन 2000 कुंतल लकड़ी अलाव में जल जाती है। यह लकड़ी वन विभाग से नगर निगम करीब 700 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से खरीदता है। 10 से 12 लाख रुपये हर साल अलाव पर खर्च होते हैं। महानगर में अलाव जलाने के लिए हर साल वन विभाग को 2000 कुंतल लकड़ी की व्यवस्था करनी पड़ती है। हालांकि यह लकड़ी सूखे पेड़ों की होती है।

कूड़ा कलेक्शन पर देंगे जोर

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन वाहनों की निगरानी के लिए कंट्रोल रूम स्थापित है। वाहनों का रूट चार्ट और उनका मोहल्लेवार, स्थानवार समय निर्धारित है। कूड़ा समय से उठता है और वाहन भी डिपो से निकलने के बाद कंट्रोल रू म की नजर में होते हैं। मेरठ में व्यवस्था लागू करने को नगर आयुक्त को प्रस्ताव देंगे। 

chat bot
आपका साथी