मेरठ नगर निगम नहीं वसूल पा रहा गृहकर, आर्थिक स्थिति बिगड़ने का अंदेशा Meerut News

वित्तीय वर्ष 2020-21 में नगर निगम को गृहकर का लक्ष्य लगभग 49 करोड़ रुपये हैं। जिसके सापेक्ष 50 फीसद भी गृहकर वसूली नहीं हुई है। जबकि वित्तीय वर्ष के चार महीने ही शेष हैं। कोरोनाकाल को भी इसके पीछे की एक वजह माना जा रहा है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Thu, 03 Dec 2020 10:30 AM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 10:30 AM (IST)
मेरठ नगर निगम नहीं वसूल पा रहा गृहकर, आर्थिक स्थिति बिगड़ने का अंदेशा Meerut News
मेरठ में नगर निगम द्वारा हाउस टैक्‍स की कम वसूली ही हो पाई है।

मेरठ, जेएनएन। मेरठ नगर निगम महकमा गृहकर वसूली नहीं कर पा रहा है। बकायेदारों की फेहरिस्त बढ़ती जा रही है। अगर मार्च से पहले गृहकर वसूली शत-प्रतिशत न हुई तो निगम की आर्थिक स्थिति बिगड़ने तय है। जिसका असर अगले वित्तीय वर्ष में विकास कार्यों पर पड़ेगा। क्योंकि गृहकर ही निगम की आय का प्रमुख स्रोत है।

वित्तीय वर्ष 2020-21 में नगर निगम को गृहकर का लक्ष्य लगभग 49 करोड़ रुपये हैं। जिसके सापेक्ष 50 फीसद भी गृहकर वसूली नहीं हुई है। जबकि वित्तीय वर्ष के चार महीने ही शेष हैं। अर्थात नगर निगम अधिकारियों के पास समय बहुत कम है। यह कोरोना महामारी का असर बताया जा रहा है। स्थिति ये है कि माल, कांप्लेक्स, बड़े संस्थानों से गृहकर वसूली नहीं हो पा रही है। कर विभाग की ओर से बड़े बकायेदारों की सूची तैयार की गई है।

नगर आयुक्त मनीष बंसल ने कर निर्धारण अधिकारियों व कर अधीक्षकों को निर्देशित किया है कि वह गृहकर वसूली के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम करें। हालांकि अभी कैंपों का आयोजन शुरू नहीं हुआ है। आनलाइन गृहकर वसूली पर जोर नहीं दिया जा रहा है। भवन स्वामियों के मोबाइल नंबर निगम नहीं जुटा पाया है। जिससे भवन स्वामियों को आनलाइन बिलों का वितरण भी नहीं हो पा रहा है।

यह बात दीगर है कि नगर निगम का कर विभाग 90 फीसद बिलों के वितरण की बात कर रहा है। नवंबर माह की समीक्षा में गृहकर वसूली अत्यधिक कम पायी गई है। जिसे लेकर नगर आयुक्त मनीष बंसल ने बड़े बकायेदारों के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।

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