असाध्य रोगियों के लिए पश्चिमी उप्र का सबसे बड़ा मेडिकल कालेज ‘बंद’ Meerut News

पश्चिमी उप्र के सबसे बड़े मेडिकल कालेज में बीपीएल कार्डधारकों के लिए लीवर किडनी हार्ट व कैंसर का इलाज तकरीबन ठप हो चुका है।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Mon, 22 Jul 2019 11:45 AM (IST) Updated:Mon, 22 Jul 2019 11:45 AM (IST)
असाध्य रोगियों के लिए पश्चिमी उप्र का सबसे बड़ा मेडिकल कालेज ‘बंद’ Meerut News
असाध्य रोगियों के लिए पश्चिमी उप्र का सबसे बड़ा मेडिकल कालेज ‘बंद’ Meerut News
मेरठ, जेएनएन। 1060 बेड का पश्चिमी उप्र का सबसे बड़ा मेडिकल कालेज, किंतु असाध्य रोगों से जूझ रहे रोगियों के लिए कॉलेज के दरवाजे बंद हैं। बीपीएल कार्डधारकों के इलाज के लिए जारी बजट में बड़ा गड़बड़झाला है। प्राचार्य की मानें तो गत साल से कोई बजट नहीं मिला, जबकि फार्मासिस्ट ने इस दौरान 60 लाख रुपये मिलने का दावा किया है। आखिर बजट कहां अटका है।
22 लाख उधार था...कंपनी नहीं दे रही दवा
पश्चिमी उप्र में हार्ट, किडनी, लीवर और कैंसर के मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ी है। मेडिकल ओपीडी में हर माह 70 हजार से ज्यादा मरीज पहुंच रहे है। बीपीएल कार्डधारकों एवं तीन बीघे से कम खेती वालों में असाध्य रोगों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था है। इसके लिए प्रदेश सरकार अतिरिक्त बजट देती है। प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता कहते हैं कि असाध्य रोगों से जूझ रहे रोगियों के लिए एक एजेंसी ने 22 लाख रुपये की दवा उधार दी थी। भुगतान न मिलने पर एजेंसी ने दवा देना बंद कर दिया है।
शासन को बजट के लिए लिखा पत्र
शासन को बजट के लिए पत्र लिख गया है, जबकि हाल में स्थानांतरण पर गए फार्मासिस्ट एमके शुक्ला ने बताया कि असाध्य रोगों से जूझ रहे रोगियों के लिए पिछले साल 40 लाख, जबकि इस साल 20 लाख रुपए मिले हैं। कैंसर, लीवर, हार्ट एवं किडनी की दवाएं महंगी होती हैं। इधर, कई बीपीएल कार्डधारक आयुष्मान भारत योजना के पात्र बन गए, जिसकी वजह से निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं।
क्या कहते हैं प्राचार्य
असाध्य रोगियों के इलाज के लिए बजट नहीं है। 22 लाख की दवाएं खरीदी गई थीं, जिसका भुगतान नहीं हो पा रहा। मेडिकल करीब 12 करोड़ के घाटे में चल रहा है। शासन से अतिरिक्त बजट की मांग की गई है।
- डा. आरसी गुप्ता, प्राचार्य, मेडिकल 
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