बुलंदशहर में दो साल की मासूम से दुष्कर्म और हत्या के केस में दोषी को फांसी की सजा

दो साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म और हत्या करने के मामले में एडीजे पाक्सो कोर्ट पल्लवी अग्रवाल ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही 1.40 लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। फैसला सुनने के बाद स्वजन की आंखे भर आईं।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 10 Nov 2021 04:40 PM (IST) Updated:Wed, 10 Nov 2021 11:06 PM (IST)
बुलंदशहर में दो साल की मासूम से दुष्कर्म और हत्या के केस में दोषी को फांसी की सजा
दो वर्षीय मासूम की दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को फांसी की सजा

बुलंदशहर, जागरण संवाददाता। दो साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म और हत्या करने के मामले में विशेष अपर सत्र न्यायधीश पाक्सो पल्लवी अग्रवाल ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही 1.40 लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। फैसला सुनने के बाद स्वजन की आंखें भर आईं। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय और अन्य अपीलीय न्यायालय भी इस वहशी पर रहम न बरतें।

उसे मौत जल्दी मिलनी चाहिए।

यह है मामला

विशेष लोक अभियोजक पाक्सो भरत शर्मा ने बताया कि 10 जुलाई 2020 को एक गांव निवासी पिता ने अपनी दो वर्षीय बच्ची के घर के पास खेलते समय गायब होने का मुकदमा शिकारपुर थाने में दर्ज कराया था। प्रेम सिंह प्रजापति पर बच्ची को अगवा कर हत्या करने का आरोप लगाया था। जांच में पुलिस को पता चला था कि बच्ची अंतिम बार प्रेम सिंह के साथ तालाब की ओर जाते देखी गई थी। पुलिस ने प्रेम सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बतया कि दुष्कर्म के बाद बेहोशी की हालत में उसने बच्ची को तालाब में फेंक दिया था। पुलिस ने आरोपित की निशानदेही पर तालाब से बच्ची का शव बरामद कर लिया। पोस्टमार्टम में बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। एडीजीसी विपिन बोहरा ने बताया कि बच्ची प्रेम सिंह के घर बकरियों से खेलने जाती थी। आरोपित घटना वाले दिन बच्ची को बकरियों के पास छोडऩे के बहाने घर से लाया था। तीन दिन बाद बच्ची का शव आरोपित के घेर के पीछे तालाब में मिला था। बच्ची के कपड़े और आरोपित के कपड़ों को फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा गया। आरोपित के कपड़ों पर बच्ची के ब्लड ग्रुप की पुष्टि हुई। इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर विशेष अपर सत्र न्यायधीश पाक्सो ने प्रेम सिंह को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट में पीडि़त स्वजन के साथ ही प्रत्यक्षदर्शी आकाश शर्मा, अरुण शर्मा, नरेश कुमार, राकेश गिरी, पोस्टमार्टम करने वाली डा. सरिता यादव, प्रारंभिक विवेचक दारोगा सुखपाल सिंह, प्रभारी निरीक्षक उमेश कुमार पांडेय और क्लर्क सुनील कुमार ने घटना के समर्थन में बयान दिए।

ऐसे व्यक्ति को समाज में रहने का अधिकार नहीं

विशेष अपर सत्र न्यायधीश पाक्सो पल्लवी अग्रवाल ने दो साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म व हत्या को समाज के लिए बेहद खतरनाक माना। अपने फैसले में उन्होंने कहा कि मासूम के जीवन को बर्बाद कर कृत्य को छिपाने की यह मंशा सोची समझी साजिश है। ऐसे व्यक्ति को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसी घिनौनी हरकत करने वाले को फांसी की सजा भी कम है। बता दें कि पिछले सात माह में स्पेशल पाक्सो कोर्ट ने छह को फांसी की सजा सुनायी है।

आज पेट भरकर खाऊंगी रोटी

दोषी को फांसी की सजा मिलने से बच्ची के स्वजन खुश हैं। जब यह बात मृतका की दादी को पता चली तो उनके आंखों से आंसू छलक पड़े। कहा कि आज पेट भरकर रोटी खाऊंगी। कहा कि हमारे तो घर का चिराग प्रेम सिंह ने बुझा दिया। सवा साल बीत चुका है लेकिन बहू को कोई संतान नहीं हुई। बच्ची ही इकलौता चिराग थी। कहा कि बांके बिहारी पर भरोसा था कि एक दिन उसकी लाडली बेटी के हत्यारे को कड़ी सजा जरूर मिलेगी।

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