आज खुलेंगे रसोई के टेंडर, चार ठेकेदार तैयार करेंगे 80 हजार खाने के पैकेट Meerut News

सरकार की नई गाइडलाइन के तहत खाने के पैकेट तैयार करने के लिए जिला प्रशासन ने नए ठेकेदारों की चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Thu, 14 May 2020 04:12 PM (IST) Updated:Thu, 14 May 2020 04:12 PM (IST)
आज खुलेंगे रसोई के टेंडर, चार ठेकेदार तैयार करेंगे 80 हजार खाने के पैकेट Meerut News
आज खुलेंगे रसोई के टेंडर, चार ठेकेदार तैयार करेंगे 80 हजार खाने के पैकेट Meerut News

मेरठ, जेएनएन। जिला प्रशासन की रसोई, उसका कामकाज और पूर्व में की गई ठेकेदार चयन की प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। इसी बीच सरकार की नई गाइडलाइन के तहत खाने के पैकेट तैयार करने के लिए जिला प्रशासन ने नए ठेकेदारों की चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रशासन अब चार स्थानों पर संचालित रसोई के लिए चार ठेकेदार का चयन करेगा। प्रत्येक रसोई में 20 हजार पैकेट तैयार किए जाएंगे।

बता दें कि ठेकेदारों के चयन के लिए जिला प्रशासन ने अप्रैल के अंतिम सप्ताह में टेंडर मांगे थे, लेकिन उक्त प्रक्रिया में शामिल हुई फर्मो की तैयारियों के दावे गोपनीय जांच में फेल हो गए थे। लिहाजा जिला प्रशासन ने नए सिरे से अल्पकालीन टेंडर प्रक्रिया आयोजित की थी। इस प्रक्रिया में कुल 32 फर्मों ने आवेदन किए हैं।

टेंडर खोलने के लिए नई टीम

नई टीम में परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण भानूप्रताप सिंह की अध्यक्षता में बीएसए सत्येंद्र ढाका तथा ट्रेजरी अफसर संध्या तिवारी को शामिल किया गया है। शाम छह बजे टेंडर खोलने के लिए सभी फर्मो को विकास भवन बुलाया गया। अफसरों के साथ सभी जुट गए, लेकिन सीडीओ नहीं पहुंच सकी। उन्होंने अपनी निगरानी में टेंडर खुलवाने की घोषणा की थी, ताकि बाद में कोई विवाद न हो। सीडीओ देर शाम तक कोरोना नोडल अधिकारी के साथ व्यस्त रहीं, लिहाजा टेंडर नहीं खोले जा सके।

आज सुबह दस बजे खुलेंगे टेंडर

परियोजना निदेशक ने बताया कि सामुदायिक रसोई के टेंडर अब गुरुवार सुबह दस बजे बचत भवन में खोले जाएंगे।

प्रशासन की ओर से तैयार खाने के पैकेट में नैपकिन व चम्मच तक नहीं हैं ’ जागरण

प्रमुख सचिव से बोलीं महापौर, मलिन बस्तियों में नहीं पहुंच रहा भोजन

जागरण संवाददाता, मेरठ :

महापौर सुनीता वर्मा ने बुधवार शाम बचत भवन में कोरोना नोडल अधिकारी प्रमुख सचिव सिंचाई टी. वेंकटेश से मिलकर शहर की विभिन्न समस्याएं रखीं। महापौर ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा तैयार कराया जा रहा भोजन मलिन बस्तियों में नहीं पहुंच रहा है। इसकी व्यवस्था कराने की मांग की। महापौर ने उन्हें बताया कि कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों के पीड़ित लोगों को चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है। निजी चिकित्सकों के क्लीनिक खुलवाए जाने चाहिए। साथ ही फोन पर परामर्श देने के नाम पर मरीजों से मोटी फीस वसूलने वाले चिकित्सकों पर भी कार्रवाई की मांग की। इसके अलावा लॉकडाउन अवधि में ऑनलाइन क्लास के नाम स्कूलों द्वारा फीस मांगने का मुद्दा भी उठाया। महापौर ने बताया कि प्रमुख सचिव ने सभी समस्याओं का समाधान कराने का आश्वासन दिया है। 

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