Good News: मेरठ में बनेगा प्रदेश का पहला अत्याधुनिक खेल विवि, पारंगत होंगे खिलाड़ी, चमकेगा खेल उद्योग

अब राज्‍य में पहला खेल विवि बनने जा रहा है इसके लिए जमीन की मंजूरी हो गई है। जो मेरठ के लिए खुशखबरी की बात है। शासन ने इसके लिए 25 एकड़ भूमि की की मंजूरी दी है।

By Prem BhattEdited By: Publish:Thu, 21 May 2020 07:58 PM (IST) Updated:Thu, 21 May 2020 07:58 PM (IST)
Good News: मेरठ में बनेगा प्रदेश का पहला अत्याधुनिक खेल विवि, पारंगत होंगे खिलाड़ी, चमकेगा खेल उद्योग
Good News: मेरठ में बनेगा प्रदेश का पहला अत्याधुनिक खेल विवि, पारंगत होंगे खिलाड़ी, चमकेगा खेल उद्योग

मेरठ, जेएनएन। दो साल की कवायद के बाद प्रदेश का पहला राज्यस्तरीय खेल विश्वविद्यालय मेरठ में बनने पर मुहर लग गई है। शासन के निर्देश पर एमडीए की शताब्दीनगर और वेदव्यासपुरी कॉलोनी में उपलब्ध जमीन का विवरण मांगा गया है। खेल विवि बनने से खिलाड़ी और यहां के खेल उद्योग तकनीकी रूप से बेहद दक्ष होंगे।

25 एकड़ जमीन चाहिए

सभी सुविधाओं से सुसज्जित खेल विवि बनाने के लिए कम से कम 25 एकड़ जमीन की जरूरत है। एमडीए का न्यू स्‍पोटर्स काम्प्लेक्स साढ़े सात एकड़ जमीन पर बन रहा है। इसके आस-पास भी एमडीए की काफी जमीन है। शासन ने न्यू स्‍पोटर्स काम्प्लेक्स की जमीन खेल विवि को दिए जाने के संबंध में जानकारी मांगी है। एमडीए ने काम्प्लेक्स और उसके आस-पास की जमीन की स्थिति का ब्यौरा जिलाधिकारी को उपलब्ध करा दिया है।

खेल उद्योग को मिलेगा लाभ

पिछले कुछ समय से स्पोट्र्स सिटी मेरठ में ही खेल विवि बनाए जाने की मांग उठ रही थी। यहां विवि बनने से यहां के खेल उद्योग की ओर से भी तमाम फायदे मिलेंगे। यहां उपकरणों के साथ ही प्रशिक्षण में विशेषज्ञों की भी मदद मिलेगी। खेल विवि शहर के खेल उद्योग के साथ मिलकर राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण देने के साथ ही मॉडल भी तैयार कर सकेगा।

मेरठ में तैयार हो सकेंगे प्रशिक्षक

खेल विभाग से स्कूल-कॉलेजों तक खेल प्रशिक्षकों की भारी कमी है। यहां खेल विवि बना तो रेगुलर डिप्लोमा इन स्‍पोटर्स कोचिंग और सेंटर फॉर एडवांस कोचिंग एक्सीलेंस जैसे सेंटर खोले जा सकते हैं। अभी तक यह प्रशिक्षण केवल पटियाला में ही होते हैं। मेरठ के खेल विवि में स्‍पोटर्स साइंस के अंतर्गत खेल विभागों के साथ ही स्कूल से लेकर अन्य विवि में प्रशिक्षकों की कमी पूरी हो जाएगी। बीपीएड, बीपीर्ईंएस, एमपीएड, एमफिल, पीएचडी कोर्स के अलावा राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों के लिए रोजगारपरक कोर्स और प्रशिक्षण भी मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों को नए खिलाडिय़ों के प्रशिक्षण से भी जोड़ा जा सकता है।

इन 10 विभागों का है प्राथमिक प्रस्ताव

-डिपार्टमेंट ऑफ फिजिकल एजुकेशन

-डिपार्टमेंट ऑफ योग एवं फिटनेस

-डिपार्टमेंट ऑफ एक्सरसाइज फिजियोलॉजी

-डिपार्टमेंट ऑफ स्‍पोटर्स बायोमैकेनिक

-डिपार्टमेंट ऑफ स्‍पोटर्स मेनेजमेंट

-डिपार्टमेंट ऑफ स्‍पोटर्स साइकोलॉजी एवं सोसियोलॉजी

-डिपार्टमेंट ऑफ एडवांस स्‍पोटर्स ट्रेडिंग

-डिपार्टमेंट ऑफ प्रिवेंटिव एंड रिहैबिलिटेशन साइंसेज

-डिपार्टमेंट ऑफ डिजेबिलिटी स्‍पोटर्स

-डिपार्टमेंट ऑफ स्‍पोटर्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी

इनका कहना है...

-वेदव्यासपुरी स्थित न्यू स्‍पोटर्स काम्प्लेक्स और उसके आसपास की जमीन का ब्योरा जिलाधिकारी को सौंप दिया गया है। अफसरों के निर्देश पर कार्रवाई की जाएगी। -राजेश पांडे, वीसी, एमडीए

-विधायक बनने के बाद मेरठ के विकास के लिए जो सात प्रस्ताव भेजे थे, उनमें एक प्रस्ताव शताब्दीनगर की 25 एकड़ जमीन में खेल कॉलेज का भी था। इस मुद्दे पर कई बार चर्चा भी हो चुकी है। अब खुशी है कि मेरठ में राज्य खेल विश्वविद्यालय बनाने का निर्णय लिया गया है। डीएम के साथ मिलकर एमडीए से जमीन की रिपोर्ट शासन को भिजवा दी है। -डा. सोमेंद्र तोमर, विधायक

उद्योग को मिलेंगे प्रशिक्षित इंजीनियर

अंतरराष्ट्रीय स्तर के एथलेटिक्स उपकरण निर्माता कंपनी नेल्को के निदेशक अंबर आनंद के अनुसार मेरठ में खेल विवि बनने से देश भर के टॉप एथलीट मेरठ और खेल उद्योग से भी जुड़ेंगे। बेहतरीन तकनीकी विशेषज्ञ मिलेंगे। इनके जरिए उपकरणों का परीक्षण भी आसानी से हो सकेगा। हम लोगों को प्रोडक्ट इंजीनियर खोजना पड़ता है। उन्हें पहले सिखाना पड़ता है। फिर काम लेते हैं। स्‍पोटर्स साइंस बहुत बड़ा दायरा है। खेल विवि को विश्वस्तरीय कोर्स करिकुलम तैयार करना होगा। इससे खिलाड़ी से खेल उद्योग तक सभी को मदद मिलेगी।  

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