45 कंपनियों संग रैपिड रेल कॉरीडोर निर्माण पर किया गया मंथन Meerut News
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल कॉरीडोर के निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम की ओर से 45 कंपनियों संग चर्चा करके संभावनाओं को तलाशा गया।
मेरठ, जेएनएन। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल कॉरीडोर के निर्माण के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) की ओर से 45 कंपनियों के साथ मंथन किया गया। ये कंपनियां कॉरीडोर के निर्माण में अलग-अलग भूमिका अदा करेंगी।
'वेंडर मीट' का आयोजन
दिल्ली स्थित हैविटेट सेंटर में 'वेंडर मीट' का आयोजन किया गया। इसमें उन कंपनियों के प्रतिनिधियों से वार्ता की गई जो आने वाले समय में परियोजना के निर्माण से जुडऩे वाली हैं। इसमें इरकॉन, एचसीसी, एबीबी इंडिया लिमिटेड, ऐफकोंस, सीमेंस लिमिटेड, सिंप्लेक्स इंडिया, एलएंडटी, टाटा प्रोजेक्ट्स आदि सहित 45 से अधिक सिविल, इलेक्ट्रिकल और आर्किटेक्चर क्षेत्र की कंपनियां शामिल थीं। कंपनियों को कॉरिडोर के प्रोक्योरमेंट स्ट्रैटजी और पैकेजिंग योजना की जानकारी दी गई। कंपनियों के प्रतिनिधियों ने परियोजना समय से कार्य पूरा करने, कांट्रैक्ट डिजाइन आदि केबारे में अपनी कुशलता व पूर्व में किए गए कार्यों की जानकारी दी।
पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था में सहयोग करेगी रैपिड
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने कहा कि आरआरटीएस जैसी परियोजनायें भारत सरकार के पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूर्ण करने में सहयोगी बनेगी। इसके साथ ही सतत आर्थिक विकास में भी योगदान देगी। एनसीआरटीसी को दी गई जिम्मेदारी बहुत बड़ी है। हम 'न्यू इंडिया' के विचारों के अनुरूप बन रहे इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण में मिलकर काम करने के लिए भागीदारों की तलाश कर रहे हैं ताकि इस परियोजना को समय से पूरा किया जा सके।
एक नजर परियोजना पर
82 किमी लंबे दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के दुहाई से साहिबाबाद के बीच के 17 किमी लंबे हिस्से पर काम जोरों से चल रहा है। दुहाई से साहिबाबाद के बीच मार्च 2023 में रैपिड रेल का संचालन शुरू हो जाएगा। दिल्ली से लेकर दुहाई होते हुए मोदीपुरम तक रैपिड रेल के सफर की शुरुआत मार्च 2025 से होने की उम्मीद है।
'वेंडर मीट' का आयोजन
दिल्ली स्थित हैविटेट सेंटर में 'वेंडर मीट' का आयोजन किया गया। इसमें उन कंपनियों के प्रतिनिधियों से वार्ता की गई जो आने वाले समय में परियोजना के निर्माण से जुडऩे वाली हैं। इसमें इरकॉन, एचसीसी, एबीबी इंडिया लिमिटेड, ऐफकोंस, सीमेंस लिमिटेड, सिंप्लेक्स इंडिया, एलएंडटी, टाटा प्रोजेक्ट्स आदि सहित 45 से अधिक सिविल, इलेक्ट्रिकल और आर्किटेक्चर क्षेत्र की कंपनियां शामिल थीं। कंपनियों को कॉरिडोर के प्रोक्योरमेंट स्ट्रैटजी और पैकेजिंग योजना की जानकारी दी गई। कंपनियों के प्रतिनिधियों ने परियोजना समय से कार्य पूरा करने, कांट्रैक्ट डिजाइन आदि केबारे में अपनी कुशलता व पूर्व में किए गए कार्यों की जानकारी दी।
पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था में सहयोग करेगी रैपिड
एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने कहा कि आरआरटीएस जैसी परियोजनायें भारत सरकार के पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूर्ण करने में सहयोगी बनेगी। इसके साथ ही सतत आर्थिक विकास में भी योगदान देगी। एनसीआरटीसी को दी गई जिम्मेदारी बहुत बड़ी है। हम 'न्यू इंडिया' के विचारों के अनुरूप बन रहे इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण में मिलकर काम करने के लिए भागीदारों की तलाश कर रहे हैं ताकि इस परियोजना को समय से पूरा किया जा सके।
एक नजर परियोजना पर
82 किमी लंबे दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के दुहाई से साहिबाबाद के बीच के 17 किमी लंबे हिस्से पर काम जोरों से चल रहा है। दुहाई से साहिबाबाद के बीच मार्च 2023 में रैपिड रेल का संचालन शुरू हो जाएगा। दिल्ली से लेकर दुहाई होते हुए मोदीपुरम तक रैपिड रेल के सफर की शुरुआत मार्च 2025 से होने की उम्मीद है।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप