Delhi Meerut Rapid Rail: मेरठ में रैपिड के लिए सुरंग निर्माण का काम तेज, मेरठ माल खुला, मेट्रो प्लाजा बंद
Delhi Meerut Rapid Rail मेरठ में रैपिड रेल के लिए काम तेजी से चल रहा है। रैपिड रेल कारिडोर की सुरंग के कारण बंद किए जाते हैं प्रतिष्ठान। मेट्रो प्लाजा के नीचे पहुंचा सुरंग का निर्माण कार्य। अधिवक्ता का आरोप न नोटिस न मुआवजा जबरन सील।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Delhi Meerut Rapid Rail मेरठ में रैपिड रेल कारिडोर के अंतर्गत सुरंग का निर्माण कार्य मेट्रो प्लाजा के नीचे पहुंच गया है। इसलिए यहां के प्रतिष्ठान बंद कराए जाने लगे हैं। मंगलवार तक सभी प्रतिष्ठान बंद हो जाएंगे। उधर, मेरठ माल खुल गया है। दरअसल, जिन दुकानों या आवास से 30 मीटर दूर सुरंग खोदने की मशीन पहुंचती है, तभी उस मकान व दुकान को खाली कराना शुरू कर दिया जाता है।
तीन दिन के लिए प्रतिष्ठान बंद
लगभग तीन दिन के लिए प्रतिष्ठान बंद कराया जाता है। फिर जब मशीन 30 मीटर आगे निकल जाती है तब उस मशीन को खोलने की अनुमति मिल जाती है। इसी तरह से मेरठ माल को बंद कराया गया था, लेकिन उससे निकल कर मशीन मेट्रो प्लाजा पहुंची है इसलिए उसे खोल दिया गया है।
अधिवक्ता का आरोप, न नोटिस न मुआवजा, जबरन सील
मेट्रो प्लाजा में अधिवक्ता डा. दिनेश अग्रवाल का प्रतिष्ठान है। उनका आरोप है कि उन्हें न तो पहले नोटिस दिया गया और न ही मुआवजा दिया गया। रविवार को अचानक सील लगा दी गई और नोटिस चस्पा कर दिया गया। यदि नोटिस देना ही था तो कम से कम एक सप्ताह पहले दिया जाता जिससे वे तमाम मुकदमों से संबंधित लोगों को सूचित कर पाते। आरोप है कि जब उन्होंने एनसीआरटीसी के अधिकारियों से बात की तो गोलमोल जवाब देकर टरका दिया गया। उन्होंने बताया कि कार्यदायी कंपनी एफकांस की ओर से सील लगाई गई है और गार्ड बैठा दिया गया है। अब उनका जो नुकसान होगा उसकी भरपाई कौन करेगा।
मुआवजा देने का कोई प्रविधान नहीं
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सभी को नोटिस भी नहीं दिया गया है। इस पर कार्यदायी कंपनी व एनसीआरटीसी की ओर से बताया गया कि व्यापार के नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा देने का कोई प्रविधान नहीं है। नोटिस सभी को दिया जा रहा है। किसी भी प्रतिष्ठान पर सील नहीं लगाई है। सील लगाने का आरोप गलत है।