Corona Vaccination: मेरठ के गांवों में टीकाकरण बढ़ाने में मदद करेगी गुजरात की संस्था, कमिश्नर से मिलकर दिया था प्रस्ताव
मेरठ में अब गांवों में कोरोना टीकाकरण में तेजी देखने को मिलेगी। इसके लिए गुजरात की एक संस्था ने पहल करते हुए मेरठ के मंडलायुक्त के प्रस्ताव रखा था। इस संस्था के प्रस्ताव को स्वीकार करके उन्हें कम प्रतिशत वाले गांवों की जानकारी भी उपलब्ध करा दी है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। गुजरात में कोरोना टीकाकरण को बढ़ाने में मदद करने वाली एनजीओ युवा अनस्टापेबल अब मेरठ में भी ऐसे गांवों में टीकाकरण बढ़ाने में मदद करेगी जहां टीकाकरण 20 फीसद तक सीमित है। कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने संस्था के प्रस्ताव को स्वीकार करके उन्हें कम प्रतिशत वाले गांवों की जानकारी भी उपलब्ध करा दी है।
वैक्सीनेशन को मिलेगी गति
कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि युवा अनस्टापेबल ने गुजरात के अहमदाबाद शहर में कोरोना टीकाकरण को गति देने में अच्छा काम किया है। वहां उन्होंने ऐसे लोगों को खाद्य सामग्री प्रदान करके मदद की जो एक दिन की मजदूरी जाने के डर से टीकाकरण कराने नहीं जा रहे थे। जिसके बाद टीकाकरण सौ फीसद तक पहुंच गया। मेरठ में भी संस्था के पदाधिकारी 20 फीसद से कम टीकाकरण वाले गांवों में काम करेंगे।
दिया गया गांवों का विवरण
वहां पर वे टीकाकरण में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों को प्रोत्साहित करेंगे तथा गरीब परिवारों की मदद करके उन्हें टीकाकरण केंद्र तक पहुंचाने का काम करेंगे। कमिश्नर ने बताया कि संस्था के प्रस्ताव को स्वीकार करके उन्हें मेरठ जनपद के कम टीकाकरण वाले गांवों का विवरण भी दे दिया गया है। यह विवरण मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान द्वारा उपलब्ध कराया गया। संस्था की ओर से रश्मि अमिताभ शाह और ऋषि कुमार कमिश्नर से मिले।
3514 लोगों को लगा कोरोनारोधी टीका
मेरठ में सोमवार को टीकाकरण पर त्योहार का असर दिखा। छुट्टी का दिन होने के बावजूद 5100 लोगों के टीकाकरण की व्यवस्था की गई, लेकिन केवल 3514 लोगों ने ही टीका लगवाया। इनमें भी देहात क्षेत्र की संख्या शहरी क्षेत्र की तुलना में ढाई गुना रही। शहर में 1005 लोगों ने टीका लगवाया जबकि देहात क्षेत्र में 2509 लोगों को टीका लगाया गया। 3514 डोज में 3118 कोविशील्ड जबकि 396 कोवैक्सीन रहीं।
मेरठ में रह गए हैं आठ एक्टिव मरीज
मेरठ में सोमवार को 3280 सैंपलों की जांच की गई जिसमें एक भी मरीज में कोरोना का संक्रमण नहीं मिला। इस तरह अब जिले में कुल आठ एक्टिव मरीज रह गए हैं। इनमें पांच मरीज अस्पताल में इलाजरत हैं जबकि दो होम आइसोलेशन में हैं। एक मरीज डिस्चार्ज होकर होम आइसोलेट है। ब्लैक फंगस की बात करें तो मेरठ मेडिकल कालेज में एक मरीज इलाजरत है। बता दें कि जिले में 348 ब्लैक फंगस के मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 320 ठीक होकर घर चले गए, जबकि 27 ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। एक मरीज फिलहाल उपचाराधीन है।