बोर्ड परीक्षा: बिजनेस स्टडीज ने थकाया, बायो में मिली राहत

साल 2019 की बोर्ड परीक्षाएं अब अंतिम दौर में चल रही हैं। सीआइएससीई में आइएससी की बायोलॉजी की परीक्षा के साथ ही गुरुवार को विज्ञान वर्ग की परीक्षा समाप्त हो चुकी है। वहीं सीबीएसई की भी 15 मार्च को बायोलॉजी के पेपर के साथ ही बायो वर्ग की परीक्षा पूरी हो जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Mar 2019 03:00 AM (IST) Updated:Fri, 15 Mar 2019 03:00 AM (IST)
बोर्ड परीक्षा: बिजनेस स्टडीज ने थकाया, बायो में मिली राहत
बोर्ड परीक्षा: बिजनेस स्टडीज ने थकाया, बायो में मिली राहत

मेरठ । साल 2019 की बोर्ड परीक्षाएं अब अंतिम दौर में चल रही हैं। सीआइएससीई में आइएससी की बायोलॉजी की परीक्षा के साथ ही गुरुवार को विज्ञान वर्ग की परीक्षा समाप्त हो चुकी है। वहीं सीबीएसई की भी 15 मार्च को बायोलॉजी के पेपर के साथ ही बायो वर्ग की परीक्षा पूरी हो जाएगी। इसके बाद सीबीएसई में 18 मार्च को गणित की परीक्षा के साथ ही विज्ञान वर्ग की परीक्षा समाप्त हो जाएगी। गुरुवार को सीबीएसई 12वीं की बिजनेस स्टडीज और आइएससी की बायोलॉजी की परीक्षा हुई। परीक्षार्थियों ने जहां बिजनेस स्टडीज के पेपर को लंबा बताया, वहीं बायोलॉजी आसान रही।

पता था किस चैप्टर से कितने अंक का सवाल

आइएससी में पहले परीक्षार्थियों को चैप्टर्स के वेटेज के बारे में कोई जानकारी नहीं होती थी। हर परीक्षार्थी को किताब का हर चैप्टर बराबर पढ़ना पड़ता था। अब आइएससी में भी सीबीएसई की तरह एनसीईआरटी पैटर्न लागू होने के बाद परीक्षार्थियों को हर चैप्टर का वेटेज पता होता है। इससे छात्रों की पढ़ाई काफी आसान हो गई है। गुरुवार को हुए बायो के पेपर को भी परीक्षार्थियों ने बेहद आसान बताया। सेंट मेरीज एकेडमी की बायोलॉजी शिक्षिका मीनाक्षी के अनुसार परीक्षार्थियों को स्कूल में अधिक कठिन पेपर से परीक्षा का अभ्यास कराया जाता है। इससे उनके लिए बोर्ड परीक्षा का पेपर आसान हो जाता है। छात्रों को स्कूल में एनसीईआरटी की किताब से भी पढ़ाया जाता है इसलिए उनकी तैयारी पूरी हो जाती है। पिछले साने से बदले पैटर्न के साथ ही पढ़ाई और परीक्षा हो रही है। छात्र इस पेपर में बेहतर स्कोर कर सकेंगे।

लंबा रहा बिजनेस स्टडीज

सीबीएसई बिजनेस स्टडीज का पेपर इस साल आसान लेकिन लंबा रहा। परीक्षार्थियों के अनुसार पेपर पूरी तरह से एनसीईआरटी पैटर्न पर ही आधारित था। प्रश्नों एप्लीकेशन बेस्ड होने के कारण उत्तर लिखने में विस्तार देना पड़ा। इससे पेपर थोड़ा लंबा हो गया और पूरे समय में ही सभी उत्तर लिखे जा सके। कई परीक्षार्थियों को उत्तर पुस्तिका का रिवीजन करने का समय नहीं मिला। शिक्षकों के अनुसार पेपर पिछले साल की तुलना में इस साल आसान था।

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