कूड़ा और गोबर से अटा चिंदौड़ी नाला, बारिश में बनेगा आफत

नगर निगम का दावा है कि बारिश से पहले सभी नालों की सफाई कर ली जाएगी। पर हकीकत ये है कि नाले कूड़े और गोबर से अटे पड़े हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 May 2019 10:00 AM (IST) Updated:Fri, 17 May 2019 06:28 AM (IST)
कूड़ा और गोबर से अटा चिंदौड़ी नाला, बारिश में बनेगा आफत
कूड़ा और गोबर से अटा चिंदौड़ी नाला, बारिश में बनेगा आफत

मेरठ । नगर निगम का दावा है कि बारिश से पहले सभी नालों की सफाई कर ली जाएगी। पर हकीकत ये है कि नाले कूड़े और गोबर से अटे पड़े हैं। बात चिंदौड़ी नाले की करें तो तल्लीझाड़ सफाई न होने से नाले का जल प्रवाह थमने लगा है। बारिश में जलभराव की स्थिति उत्पन्न होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

चिंदौड़ी नाला करीब साढ़े चार किमी. लंबा, सात मीटर गहरा और करीब आठ मीटर चौड़ा है। नाला हापुड़ रोड की पुलिया, ढवाई नगर होते हुए शास्त्रीनगर, टी प्वाइंट, घोसीपुर नया कमेला होते हुए जलालपुर के पुल के समीप से काली नदी में गिरता है। नाले की परिधि में ढवाई नगर, आरटीओ पुल के आसपास का क्षेत्र, कांशीराम नगर योजना, शास्त्रीनगर एल ब्लॉक और के ब्लॉक समेत अन्य मोहल्ले आते हैं। वार्ड 33,63,61 और 80 से गुजरता है। करीब 80 हजार से अधिक आबादी की जलनिकासी का प्रमुख जरिया है। इन वार्डो के छोटे नालों का पानी चिंदौड़ी नाले में बहकर आता है।

नाले की वर्तमान स्थिति दयनीय

नाले की वर्तमान स्थिति पर गौर करें तो यह नाला कूड़ा और डेयरियों के गोबर से अटा पड़ा है। सात मीटर गहरे नाले में पांच मीटर गहरी सिल्ट है। ये हालात तब हैं जब नगर निगम रोज इस नाले की सफाई पोर्कलेन मशीन से कराने के दावे करता है। साल भर में 20 लाख से अधिक धनराशि इसकी सफाई पर खर्च होती है।

जलालपुर के पास जल प्रवाह थमने की स्थिति अभी से बन गई है। जिसके कारण बीते छह दिनों से मशीन से नाले की सफाई की जा रही है। रोजना 20 ट्रॉली सिल्ट निकाली जा रही है। नगर निगम सफाई अमले की माने तो सफाई होते ही पीछे से सिल्ट बहकर फिर आ जाती है।

पिछले साल बनी थी जल भराव की स्थिति

27 जुलाई 2018 को हुई बारिश में चिंदौड़ी नाले का जल प्रवाह जलालपुर के पुल के समीप कूड़ा एकत्र होने से थम गया था। जिस कारण नाला के पानी से ढवाई नगर, शास्त्रीनगर में जलभराव होने लगा था। जलालपुर पुल के पास सिल्ट हटाने पर जलनिकासी संभव हो सकी थी। इसे कारण नगर निगम सफाई अमले को नाले की तल्लीझाड़ सफाई के निर्देश दिए गए हैं।

इनकी है जिम्मेदारी

यह नाला सूरजकुंड वाहन डिपो के अंतर्गत आता है। डिपो प्रभारी अरुण खरखोदिया हैं। इसके अलावा सफाई निरीक्षक गंभीर सिंह और सुरेश चंद्र का भी यह क्षेत्र है।

इन्होंने कहा-

नाले की सफाई शुरू कर दी गई है। जलालपुर पुल के पास पोर्कलेन मशीन से सफाई हो रही है। पिछले साल इसी स्थान पर सिल्ट जमा होने से जल प्रवाह थम गया था। जिससे जल भराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इस बार कोशिश यही है कि बारिश में जल प्रवाह निरंतर बना रहे। लेकिन इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है कि नाले में कूड़ा और गोबर की सिल्ट इतनी अधिक है कि तल्लीझाड़ सफाई करना संभव नहीं है।

अरुण खरखोदिया, जोनल सेनेटरी अधिकारी

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