कैंट बोर्ड ने सील किया बंगला नंबर 22-बी

मेरठ: विवादों में रहे बंगला संख्या 22-बी पर कैंट बोर्ड ने गुरुवार को सील लगा दी। यह कार्रवाई पुलिस फ

By Edited By: Publish:Fri, 29 May 2015 01:52 AM (IST) Updated:Fri, 29 May 2015 01:52 AM (IST)
कैंट बोर्ड ने सील किया बंगला नंबर 22-बी

मेरठ: विवादों में रहे बंगला संख्या 22-बी पर कैंट बोर्ड ने गुरुवार को सील लगा दी। यह कार्रवाई पुलिस फोर्स और सेना की मौजूदगी में की गई। इस दौरान कैंट बोर्ड की टीम और बंगले पर मालिकाना हक का दावा करने वाले की बीच तनातनी भी हुई।

22 बी को सील किए जाने के लिए कैंट बोर्ड ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से कुछ दिन पहले सहयोग मांगा था। पुलिस फोर्स मिलने की स्थिति में 28 मई को सुबह की सील लगाने की तैयारी की गयी थी। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कैंट बोर्ड की टीम पुलिस फोर्स और सेना के साथ गुरुवार को 22 बी को सील करने पहुंची।

कुछ समय के लिए टीम को विरोध का सामना करना पड़ा। बंगले के पक्ष में खड़े पंकज जौली और उनके समर्थकों की ओर से सिविल कोर्ट के निर्णय को अपने पक्ष में दिखाया गया। फिर भी कैंट बोर्ड ने आवासीय ओल्ड ग्रांट बंगले में अवैध रूप से रिसॉर्ट या होटल को सील करने की कार्रवाई शुरू कर दी। रिसॉर्ट के हर कमरे को सील कर दिया गया। उसके बाद बाहर से पूरे बंगले को सील कर दिया गया। सील लगाने के दौरान गेट पर कील ठोंकने को लेकर थोड़ी बहुत बहस भी हुई। मौके पर पहुंचे संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता भी पूरे मामले को देखकर कुछ देर रुकने के बाद लौट गए। पंकज जौली पूरे अभियान के दौरान पुलिस के आलाअसफरों के सामने अपना पक्ष रखते रहे। लेकिन कार्रवाई नहीं रुकी।

सील के दौरान एएसपी संकल्प शर्मा, लालकुर्ती थाने की पूरी फोर्स, सेना के जवान आदि मुस्तैद रहे।

रेस्टोरेंट से लेकर बाथरूम तक सील

कैंट बोर्ड ने होटल के कैंटीन, रेस्टोरेंट, बाथरूम, रिसेप्शन आदि को भी सील कर दिया। इस दौरान फ्रीज में रखे गए बोतल, सब्जियां आदि को बाहर करना पड़ा। केवल 22 बी के बाहर गेट पर सील नहीं लगायी गयी।

22 बी में सील लगाने के दौरान होटल के एक हिस्से में भजन और सत्संग चल रहा था। इसमें महिलाएं भी मौजूद थीं। इस दौरान जब तक सत्संग चलता रहा, सील लगाने की कार्रवाई रोकनी पड़ी। बाद में भजन, सत्संग खत्म होते ही कैंट बोर्ड ने उस हाल में भी सील लगा दी।

कई कार्यक्रमों की थी बुकिंग

कैंट बोर्ड पूर्व में भले ही 22 बी में किसी भी आयोजन को अवैध ठहरा रखा हो, आए दिन 22 बी में बुकिंग होती रही है। सील लगाने के दौरान भी कुछ लोग वहां पहुंचे थे, जिन्हें एक आनलाइन मार्केटिंग करने वाली बड़ी कंपनी के कार्यक्रम में हिस्सा लेना था, लेकिन बंगले पर सील लगने की वजह से उन्हें बैरंग लौटना पड़ा।

इनका कहना है...

सूर्योदय के समय ही 22 बी को सील कराना चाहते थे, लेकिन लालकुर्ती थाने से नौ बजे के बाद पुलिस मिली। जबकि उनकी टीम सुबह ही थाने पहुंच गई थी। पुलिस फोर्स मिलने के बाद सील की कार्रवाई की गई। आगे सील पर नजर रखने के लिए कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। जब तक हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर निर्णय नहीं आ जाता। यहां सील लगी रहेगी।

डा. डीएन यादव, सीईओ, कैंट बोर्ड

पंकज जौली को नहीं मिली राहत

बंगले को सील लगाने से रोकने के लिए एक दिन पहले पंकज जौली ने एससी सिटी को पत्र दिया था, लेकिन पुलिस से उन्हें मदद नहीं मिली। पंकज जौली ने कैंट बोर्ड के सीईओ पर रंजिशन कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बंगले के मालिक संजय भटनागर के पक्ष में अपर सिविल जज ने निर्णय दिया था, कि व्यावसायिक प्रयोग में कोई कानूनी अड़चन नहीं है। इसके बावजूद कैंट बोर्ड की ओर से कानून से उपर जाकर बंगले को सील किया गया। उनका यह भी कहन है कि बंगले के मालिक संजय भटनागर को कैंट बोर्ड की ओर से नोटिस भी नहीं दिया गया। बगैर नोटिस के गैरकानूनी ढंग से कार्रवाई की गई।

आखिर रातोंरात कैसे

हो जाता है निर्माण

छावनी परिषद क्षेत्र में 22 बी को कैंट बोर्ड सील करके भले ही अपनी पीठ थपथपा रहा हो, लेकिन छावनी क्षेत्र में एक बड़ा सवाल है कि रातोंरात इस तरह के निर्माण नहीं होते। कैंट बोर्ड के कुछ कर्मचारियों की धनलोलुपता के चलते अवैध व्यावसायिक, सरकारी जमीन पर कब्जे और निर्माण से कोई इंकार नहीं कर सकता है। आबूलेन का बंगला नंबर 210 बी छावनी बोर्ड के कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों की मिलीभगत का ही नतीजा है। इस पर रोक लगाने की जरूरत है।

कैंट की धारा 278 के तहत कार्रवाई

जिला प्रशासन ने 22 बी में सराय एक्ट के तहत पंजीकरण पहले ही निरस्त कर दिया था। अब कैंट बोर्ड ने छावनी अधिनियम की धारा 278 के तहत सील लगाने की कार्रवाई किया है। बगैर लाइसेंस के खाद्य पदार्थ बेचने व आवासीय बंगले में व्यवसायिक गतिविधि संचालित होने की वजह से यह सील की कार्रवाई की गई। कैंट प्रवक्ता एमए जफर के मुताबिक बंगले के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है।

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