शिक्षण को उन्नत बनाने के गुर सिखाए

By Edited By: Publish:Thu, 21 Aug 2014 01:31 AM (IST) Updated:Thu, 21 Aug 2014 01:31 AM (IST)
शिक्षण को उन्नत बनाने के गुर सिखाए

मेरठ : कृषि विवि के मौलिक विज्ञान एवं मानविकीय महाविद्यालय में दो दिनी कार्यशाला का बुधवार को समापन हो गया। कुलपति प्रो. हरिशंकर गौड़ ने कहा कि शिक्षण की बारीकियों को समझने के साथ छात्रों को विषय से संबंधित पुस्तकों के बारे में बताने की आवश्यकता है ताकि उनमें पुस्कालय में बैठने की आदत विकसित हो सके।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों में अध्ययन की प्रवृत्ति विकसित करने के लिए बिना भेदभाव के निरंतर प्रयास करना चाहिए। मुख्य अतिथि चौ. चरण सिंह विवि के पूर्व कुलपति प्रो. एके श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षक व छात्र का भावनात्मक जुड़ाव होता है, जिसका प्रतिबिंब संकट की घड़ी में दिखाई देता है। छात्र अपने शिक्षक को याद करता है। प्रो. एसके भटनागर ने विगत दिवस हुए व्याख्यानों पर आधारित मुख्य बिंदुओं को विस्तार से बताया। मेरठ कालेज के शिक्षा विभाग की अध्यक्षा डा. नीरजा सक्सेना ने बताया कि छात्रों को बीच-बीच में प्रश्नोत्तर के माध्यम से सामंजस्य स्थापित करना चाहिए। प्रो. अशोक कुमार ने अध्यापकों को बेहतर शोध पत्र लिखने की तकनीकी तथा आंकलन प्रक्रिया के बारे में बताया। संचालन डा. अर्चना भटनागर ने किया। इस मौके पर दीपक सिसौदिया, विनीता वर्मा, डा. शालिनी, डा. पंकज चौहान व डा.आरएस सेंगर आदि मौजूद रहे। कार्यशाला का आयोजन एग्रीकल्चर इनोवेशन पार्टनरशिप वित्तपोषित टीचिंग एक्सीलेंस केंद्र किया गया।

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