इंदारा-दोहरीघाट रेल लाइन बिछाने का कार्य युद्धस्तर पर

जागरण संवाददाता कोपागंज (मऊ) इंदारा-दोहरीघाट रेल लाइन को बड़ी रेल लाइन बनाने का का

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 07:01 PM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 07:01 PM (IST)
इंदारा-दोहरीघाट रेल लाइन बिछाने का कार्य युद्धस्तर पर
इंदारा-दोहरीघाट रेल लाइन बिछाने का कार्य युद्धस्तर पर

जागरण संवाददाता, कोपागंज (मऊ) : इंदारा-दोहरीघाट रेल लाइन को बड़ी रेल लाइन बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए काफी संख्या में मजदूर काम पर लगे हुए हैं। रेलवे विभाग के अधिकारियों के मुताबिक करीब आधे से अधिक काम पूर्ण हो चुका है। इंदारा से रेल पटरी लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया। पिछले चार दशकों पहले क्षेत्र के विकास में इंदारा-दोहरीघाट रेल मार्ग की काफी अहम भूमिका थीं। धीरे-धीरे कर रेल मार्ग पर चलने वाले ट्रेन और मालगाड़ियों को बंद कर दिया गया। इसके कारण इंदारा-दोहरीघाट रेल मार्ग विभागीय उपेक्षा का शिकार होने लगा। हालांकि बाद में रेल मार्ग पर रेल बस चलाकर लोगों को सुविधाएं दी गई। बाद में उसे भी बंद कर दिया गया। इसके चलते क्षेत्र के विकास में बाधक बने रेल सेवा को शुरू करने के लिए काफी जोरों शोरों से मांग उठाई जाने लगी है। उधर विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी इंदारा-दोहरीघाट रेल मार्ग को बड़ी रेल लाइन बनाने के लिए आंदोलन शुरू किया है। इसके लिए सत्ता दलों के जनप्रतिनिधियों और पार्टी के नेताओं ने क्षेत्रवासियों को आश्वासन दिया है लेकिन इन नेताओं के आश्वासन सिर्फ ढकोसले ही साबित हुए। इसके बाद पिछले बार केंद्र में भाजपा सरकार बनीं तो एक बार फिर इंदारा-दोहरीघाट रेल मार्ग को बड़ी रेल लाइन बनाने की मांग तेज हुई। तत्कालीन सांसद हरिनारायण राजभर ने भी क्षेत्र के विकास में बाधक बनें इंदारा-दोहरीघाट रेल मार्ग को बड़ी रेल लाइन बनाने के लिए केंद्र सरकार और पूर्व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा तक अपनी आवा•ा पहुंचाई। इसके बाद बड़ी रेल लाइन बनाने के लिए केंद्र सरकार ने बजट बनाया। तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कोपागंज में आयोजित कार्यक्रम में इंदारा-दोहरीघाट रेल मार्ग को बड़ी रेल लाइन बनाने के लिए आधारशिला रखी तो लोगों को आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। आधार शिला रखने के बाद इंदारा-दोहरीघाट होते सहजनवा तक सर्वे के बाद काम शुरू हो गया। इसके लिए सबसे पहले रेल मार्ग पर बने अंग्रेजों के जमाने के रेलवे स्टेशन को तोड़े जाने लगे। रेल मार्ग पर दर्जनों छोटे-बड़े पुराने पूल तोड़ कर नए पुल लगभग तैयार हो चुके हैं। रेल मार्ग से जुटे सभी रेलवे स्टेशन बनकर तैयार हो चुके हैं। अब रेल लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है।

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