बाजार में नहीं मिल रहीं निजी अस्पताल की लिखी दवाएं

दवा व्यापार वेलफेयर सोसायटी की बैठक शनिवार को जिला कार्यालय पर हुई। इसमें बताया गया कि निजी अस्पताल और क्लीनिक पर लिखी जा रही दवाएं बाजार में नहीं मिल रही हैं। मरीजों को दवाएं उसी अस्पताल या क्लीनिक के बगल में संचालित मेडिकल स्टोर से ही लेनी पड़ रही है। अब ऐसे मामलों में औषधि विभाग ड्रग प्राइस कंट्रोल आडिट 2013 के तहत कार्रवाई करेगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Sep 2019 04:33 PM (IST) Updated:Sat, 14 Sep 2019 04:33 PM (IST)
बाजार में नहीं मिल रहीं निजी अस्पताल की लिखी दवाएं
बाजार में नहीं मिल रहीं निजी अस्पताल की लिखी दवाएं

जागरण संवाददाता, मऊ : दवा व्यापार वेलफेयर सोसायटी की बैठक शनिवार को जिला कार्यालय पर हुई। इसमें बताया गया कि निजी अस्पताल और क्लीनिक पर लिखी जा रही दवाएं बाजार में नहीं मिल रही हैं। मरीजों को दवाएं उसी अस्पताल या क्लीनिक के बगल में संचालित मेडिकल स्टोर से ही लेनी पड़ रही हैं। अब ऐसे मामलों में औषधि विभाग ड्रग प्राइस कंट्रोल आडिट 2013 के तहत कार्रवाई करेगा।

महामंत्री प्रवीण पांडेय डब्बू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा औषधि विभाग के आदेश का हम दवा व्यापारी समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी दवाओं की एमआरपी और लागत मूल्य में 500 फीसदी तक अंतर है। ऐसे में मोटा मुनाफा कमाने के लिए निजी अस्पताल व क्लीनिक चला रहे चिकित्सक दवा कंपनी के प्रतिनिधि से मिलकर अपनी मोनोपोली खेल ले रहे हैं। यह दवाएं भी उसी अस्पताल में संचालित मेडिकल स्टोर और निजी क्लीनिक के बगल में संचालित मेडिकल स्टोर पर ही मिलती हैं। यह दवाएं अन्य मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलती। इससे मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। श्री पांडेय ने कहा कि सहायक औषधि आयुक्त बताया है कि निरीक्षण के दौरान निजी अस्पताल और क्लीनिक पर डाक्टर के पर्चे पर लिखी जा रही दवाओं की उपलब्धता चेक की जाएगी। यदि दवाएं बाजार में नहीं मिलती हैं तो ड्रग प्राइज कंट्रोल आडिट 2013 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष शिवजी राय, जमील अंसारी, गोपाल कृष्ण बरनवाल, गौरी प्रसाद गुप्ता, राजेश सिंह, रवि सिंह, मुकेश राय, अन्नू राय आदि उपस्थित थे।

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