तमाम बीमरियों को दावत देता है गाजर घास

तमाम बीमरियों को दावत देता है गाजर घास

By JagranEdited By: Publish:Wed, 17 Aug 2022 09:23 PM (IST) Updated:Wed, 17 Aug 2022 09:23 PM (IST)
तमाम बीमरियों को दावत देता है गाजर घास
तमाम बीमरियों को दावत देता है गाजर घास

तमाम बीमरियों को दावत देता है गाजर घास

जागरण संवाददाता, मऊ : खरपतवार अनुसंधान निदेशालय जबलपुर मध्य प्रदेश व कृषि विज्ञान केंद्र पिलखी के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को गाजर घास उन्मूलन जागरूकता अभियान चलाया गया। वैज्ञानिकों ने घास को नष्ट कर लोगों को इसके कुप्रभाव से अवगत कराया। डा. एलसी. वर्मा ने कहा कि गाजर घास पूरे देश के 35 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैल चुका है। गाजर घास एक वर्ष में तीन बार अपना जीवन चक्र पूरा करता है। इसके एक पौधे से 10 से 25 हजार तक बीज उत्पन्न होते हैं। यह पौधा पर्यावरण को प्रदूषित करता है। गाजर घास से फसलों को 35 से 40 फीसद तक हानि हो रही है। डा. अंगद प्रसाद ने बताया कि गाजर घास को विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है। डा. लाल पंकज ने बताया कि यह पौधा बहुत ही हानिकारक एवं विषैला होता है। डा. चंदन सिंह ने बताया कि समय रहते गाजर घास का नियंत्रण नहीं किया गया तो यह फसल उत्पादन पर बुरा प्रभाव डालेगी। डा. ज्ञानदीप गुप्ता ने बताया कि गाजर घास पशुओं द्वारा खाने पर उसके दूध में कमी तथा विषाक्तता उत्पन्न हो जाती है। डा. जितेंद्र कुशवाहा ने बताया कि मैक्सिकन बीटल नाम का कीड़ा गाजर घास के उन्मूलन में प्रयोग किया जाता है। रासायनिक नियंत्रण के लिए ग्लाइफोसेट दवा 5.0 मिली प्रति लीटर पानी के साथ या एक ग्राम 2 से 4-डी प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

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