मच्छरों से बचें तो नहीं होगा डेंगू

मच्छरों के काटने से ही डेंगू बुखार होता है। यदि मच्छरों से बचने का उपाय समय रहते कर लिया जाए तो डेंगू बुखार होने ा सवाल ही नहीं है। यह एडीज मच्छर के काटने से होता है। इस मच्छर के काटने के पांच से छह दिन बाद डेंगू के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Oct 2019 08:33 PM (IST) Updated:Wed, 30 Oct 2019 08:33 PM (IST)
मच्छरों से बचें तो नहीं होगा डेंगू
मच्छरों से बचें तो नहीं होगा डेंगू

जागरण संवाददाता, मऊ : मच्छरों के काटने से ही डेंगू बुखार होता है। यदि मच्छरों से बचने का उपाय समय रहते कर लिया जाए तो डेंगू बुखार होने का सवाल ही नहीं है। यह एडीज मच्छर के काटने से होता है। इस मच्छर के काटने के पांच से छह दिन बाद डेंगू के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। डेंगू के सबसे प्रमुख लक्षणों में से एक 'हड्डियों का दर्द' है। डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार के नाम से भी जाना जाता है। यह बातें मुख्य चिकित्साधिकारी डा.सतीश चंद्र सिंह ने डेंगू से लोगों को आगाह करते हुए कहीं।

सीएमओ ने बताया कि डेंगू के लक्षणों में त्वचा पर चकत्ते, तेज सिर दर्द, पीठ दर्द, आंखों में दर्द, तेज बुखार, मसूड़ों से खून बहना, नाक से खून बहना, जोड़ों में दर्द, उल्टी, दस्त आदि शामिल हैं। कहा कि दिन के समय मच्छरों को दूर रखने वाली क्रीम लगाएं। पूरे शरीर को ढक कर रखने वाले कपड़े पहनें। घर के अंदर और आस-पास सफाई रखें। कूलर, गमले और टायर आदि में पानी न भरने दें और इन जगहों पर मिट्टी का तेल या मच्छर भगाने का पाउडर छिड़कें। पानी की टंकियों को सही तरीके से ढक कर रखें। खिड़की और दरवाजों में जाली लगवाएं। बच्चों को खास तौर पर बिना पूरी आस्तीन के कपड़े पहने न खेलने दें। कहा कि ब्लाक स्तरीय एवं जनपद स्तरीय रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा निरन्तर डेंगू की निगरानी की जा रही है। विभाग के रविशंकर ओझा ने बताया कि डेंगू का पता लगाने के लिए एलाइजा जांच आजमगढ़ के सदर अस्पताल के एसआरएल लैब में निश्शुल्क उपलब्ध है।

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