योगीराज भगवान श्रीकृष्ण की भूमि पर विदेशी सीख रहे योग के गुण

गोवर्धन रसिक शर्मा। योगेश्वर श्रीकृष्ण ने योग का संदेश देने के लिए ब्रज भूमि को चुना तो उनकी लीलाभूमि में एक योगीराज श्मशान के सन्नाटे में योग की अलख जगा रहे हैं। योग की बारीकियां सीखने को विदेशियों में होड़ सी मचती है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Jun 2019 11:20 PM (IST) Updated:Thu, 20 Jun 2019 06:29 AM (IST)
योगीराज भगवान श्रीकृष्ण की भूमि पर विदेशी सीख रहे योग के गुण
योगीराज भगवान श्रीकृष्ण की भूमि पर विदेशी सीख रहे योग के गुण

रसिक शर्मा, गोवर्धन: योगेश्वर श्रीकृष्ण ने ब्रज भूमि से योग का संदेश दिया था, उन्हीं की लीलाभूमि में एक योगीराज श्मशान के सन्नाटे में योग की अलख जगा रहे हैं। योग की बारीकियां सीखने विदेशियों में भी होड़ है।

गोवर्धन में सिद्ध सिद्धांत योग अकादमी पिछले 26 साल से योग की किरण बिखेर रही है। मुकुट मुखारविद मंदिर के समीप भरतपुर के राजघराने के श्मशान स्थल पर बनी गंगा बाग की कोठी आध्यात्म योग की साधना स्थली बनी हुई है। योग की कक्षाओं से कोठी के आसपास छाया सन्नाटा टूटता नजर आता है। यहां आकर योग का प्रशिक्षण लेने वालों में दुनिया के अनेक देशों के नागरिक शामिल हैं।

अकादमी के संस्थापक शैलेंद्र शर्मा कनाडा, रूस, अमेरिका से आए योग प्रशिक्षुओं को योग की बारीकियां सिखा रहे हैं। वह कहते हैं कि योग के प्रथम गुरु भगवान श्रीकृष्ण हैं। श्रीकृष्ण ने गीता के रूप में शुद्ध योग का ही उपदेश दिया है। यूक्रेन से योग सीखने आई मरीना ने बताया कि क्रिया योग के माध्यम से समाधि तक प्राप्त करने के लिए क्रिया योग सीखने आई हैं। यूक्रेन के योग शिक्षक पावेल खुद योग की बारीकियों का यहां अध्ययन करके गए हैं। प्रतिवर्ष कुछ नया सीखने तीन दर्जन से अधिक विदेशी यहां आते हैं।

-------- इतिहास के पन्नों में दर्ज

- गंगा बाग वाली कोठी में 1993 में शिवरात्रि पर सिद्ध सिद्धांत योग अकादमी की स्थापना हुई थी। इसका उद्देश्य योग के रहस्यमय पहलुओं को सिखाना है। आचार्य की साधना स्थली से अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, यूक्रेन, हालेंड, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका आदि तमाम देशों के शिष्य योग की शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं। विदेशी पाशा, इन्हा, मरीना, स्वेटा प्रशिक्षण लेकर विदेशों में योग की रोशनी फैला रहे हैं।

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