खनन माफिया ने यमुना से खोदी एक-एक मीटर गहराई तक बालू

कंजौली घाट के बाद गांव मंडयारी में भी मिले तीन हेक्टेयर क्षेत्रफल से अधिक में बालू खनन के निशान

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Dec 2020 06:29 AM (IST) Updated:Wed, 23 Dec 2020 06:29 AM (IST)
खनन माफिया ने यमुना से खोदी  
एक-एक मीटर गहराई तक बालू
खनन माफिया ने यमुना से खोदी एक-एक मीटर गहराई तक बालू

जागरण संवाददाता, मथुरा: यमुना के कंजौली घाट के बाद अब भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय लखनऊ की टीम को मंडयारी गांव पर भी बालू खनन करने के निशान मिले हैं। यहां तीन हेक्टेयर क्षेत्रफल से अधिक दायरे से खनन माफिया एक-एक मीटर गहराई तक बालू खोद कर ले गए। इसकी रिपोर्ट टीम ने शासन को भेज दी है। वहीं, दूसरी तरफ सोमवार को कंजौली घाट से बरामद किए गए ट्रैक्टर मालिकों का पुलिस चौबीस घंटे बाद भी पता नहीं कर पाई है।

फरह थाना क्षेत्र में यमुना के कंजौली घाट पर अवैध बालू खनन की शिकायत पर सोमवार सुबह भूतत्व खनिकर्म निदेशालय लखनऊ की टीम ने छापा मारा था। टीम पर खनन माफिया हमलावर हो गया था। बरामद किए गए ट्रैक्टर ट्राली को गांव रैपुराजाट हाट चौराहे पर छुड़ाने को पुलिस पर पथराव कर हमला कर दिया था। पुलिस बरामद किए ट्रैक्टर ट्राली के मालिकों का घटना के दूसरे दिन शाम तक पता नहीं लगा पाई। हालांकि, इंस्पेक्टर फरह रमेश भारद्वाज ने कहा, ट्रैक्टर ट्राली मालिक नगला बेर के निवासी हैं। उनके नाम की अभी जानकारी नहीं हो पाई है।

इधर, भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय लखनऊ की टीम ने मंगलवार को थाना नौहझील क्षेत्र के गांव मंडयारी में यमुना किनारे छापामार कार्रवाई की। यमुना किनारे करीब तीन हेक्टेयर क्षेत्र के दायरे में अवैध खनन किए जाने के निशान टीम को मिले। खनन माफिया यहां से एक-एक मीटर गहराई तक बालू खोद कर ले गए। ग्रामीणों ने 20 से 25 ट्रैक्टर ट्राली से यहां अवैध खनन किए जाने की जानकारी दी। खनन माफिया की तलाश में टीम ने मांट और छाता क्षेत्र में दिन भर दौड़ती रही, बालू का अवैध खनन कर ले जाते कोई वाहन नहीं मिल सका। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार ने बताया, निदेशालय की टीम ने यमुना किनारे के कई क्षेत्रों का दौरा किया। कुछ स्थल ऐसे भी पाए गए, जहां बीच-बीच में फावड़े से बालू खोदी गई। उन स्थानों को संरक्षित किए जाने की कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना था, वन विभाग से भी चिन्हित किए गए स्थलों का निरीक्षण कराया जाएगा। उसके बाद ही यह तय हो पाएगा, उन स्थानों पर बालू खनन के पट्टे आवंटित किए जा सकते है या नहीं। भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय लखनऊ से आई टीम में गाजियाबाद के क्षेत्रीय अधिकारी राघवेंद्र सक्सेना, सहायक भू वैज्ञानिक निदेशालय लखनऊ आरपी सिंह, हवलदार यादव, निरीक्षक उन्नाव अमित रंजन शामिल रहे। टीम ने शासन को मंडायरी में मिले अवैध खनन की रिपोर्ट भेज दी है।

यहां दिए पट्टे: बालू खनन के पट्टे गांव भिदौनी, जहांगीरपुर और शेरनगर में आवंटित किए गए हैं। इन्हीं स्थानों से बालू का खनन किया जा सकता है। इसके अलावा अन्य स्थानों से किया जा रहा बालू का खनन अवैध है।

अवैध खनन पर न लग सका लगाम: यमुना से किए जा रहे बालू के अवैध खनन पर प्रशासन और पुलिस लगाम नहीं लगा सकी। माफिया के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की तो माफिया पुलिस पर हावी हो गए। 1 मार्च 2018 को गांव शहजाद पुर पौरी में खनन माफिया के गुट आमने-सामने आ गए थे। फरह पुलिस से अभद्रता की गई। जेसीबी, कंप्लेन मशीन व ट्रैक्टर पकड़े गए थे। 21 जून 2019 को कंजौली घाट पर पुलिसकर्मियों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की गई थी। तत्कालीन रैपुराजाट पुलिस चौकी प्रभारी चंद्रभान से भी मारपीट की गई। सितंबर 2019 में भी एसआइ महेशचंद, सिपाही अंकित को भी माफिया ने घायल कर दिया था।

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