कारखानों में उत्पादन को लेकर असमंजस में उद्यमी

संवाद सहयोगी मथुरा लॉकडाउन के बीच जिले के 182 उद्योगों को संचालन के लिए प्रशासन ने सशर्त ग्रीन सिग्नल दिया है लेकिन कारखानों के संचालन को लेकर उद्यमी अभी असमंजस में हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 May 2020 12:28 AM (IST) Updated:Wed, 13 May 2020 12:28 AM (IST)
कारखानों में उत्पादन को  लेकर असमंजस में उद्यमी
कारखानों में उत्पादन को लेकर असमंजस में उद्यमी

संवाद सहयोगी, मथुरा : लॉकडाउन के बीच जिले के 182 उद्योगों को संचालन के लिए प्रशासन ने सशर्त ग्रीन सिग्नल दिया है, लेकिन कारखानों के संचालन को लेकर उद्यमी अभी असमंजस में हैं। अब तक कारखानों में काम शुरू नहीं हो पाया है। कोई सरकारी नीति नहीं समझ पा रहा है, तो किसी के पास पहले से स्टॉक रखा है। किसी का माल ट्रांसपोर्ट पर अटका है, तो किसी को श्रमिकों की समस्या है। इसके तहत इसके तहत कारखानों में होने वाला उत्पादन सरकारी पेच में फंसा है। उद्यमियों को सरकार के दिशा-निर्देश स्पष्ट नहीं हो पा रहे हैं। उद्यमियों का कहना है जिम्मेदारों की गोलमोल बातों से वह उलझ गए हैं। साड़ी उद्यमी वरुण अग्रवाल कहते हैं कि उत्पाद के लिए पैसा चाहिए जो अभी व्यापारी के पास नहीं है। उसका काफी माल ट्रांसपोर्ट पर अटका है और बाजार से भी पैसा नहीं मिला। ऐसे में उत्पाद शुरू करने का तो सवाल ही नहीं उठता। इधर, सरकार से भी उद्यमियों के लिए कोई राहत नहीं मिली है। साड़ी उद्यमी विवेक गर्ग का कहना है कि इतने सारे नियमों के साथ कारखानों का संचालन करना मुश्किल है। सभी कारखाने करीब दो महीने से बंद हैं। अभी तो बस अनुमति के बाद कारखानों में साफ-सफाई का काम चल रहा है। साड़ी का उद्योग चला रहे मुरारी लाल गर्ग ने बताया कि उद्यमियों में मजदूरों से काम कराने की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। यदि पूरी एहतियात बरतने के बाद भी कारखाने में कोई संक्रमित मरीज मिलता है तो इसमें संचालक का क्या दोष है। वह अपनी फैक्ट्री में हाथ धोने के लिए सैनिटाइजर और साबुन, स्क्रीनिग आदि की व्यवस्था तो कर सकता है। इसके लिए प्रशासन को भी सहयोग करना चाहिए। टोंटी कारोबारी अनिल मलिक का कहना है न तो श्रमिक हैं और न ही बाहर से माल आ पा रहा है। ऐसे में उद्योग इन स्थिति में चलाना मुश्किल है। टोंटी उद्यमी लोकेश का कहना है कि हम उत्पादन कर भी लेंगे तो बाजार बंद होने से उसकी आपूर्ति नहीं कर पाएंगे। इसलिए उत्पादन अभी शुरू नहीं हो सका है।

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