व्यापारियों की हुंकार, मिले आइएएस जैसा सम्मान

अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के मण्डलीय सम्मेलन में जुटे व्यापार मंडल के राष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने गरजते हुए कहा कि देश को अपने खून पसीने की कमाई से करोड़ो अरबो टैक्स देने वाले व्यापारी के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार होता है

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Aug 2018 12:05 AM (IST) Updated:Thu, 30 Aug 2018 12:05 AM (IST)
व्यापारियों की हुंकार, मिले आइएएस जैसा सम्मान
व्यापारियों की हुंकार, मिले आइएएस जैसा सम्मान

जागरण संवाददाता, मथुरा: व्यापारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने करोड़ों-अरबों रुपये का टैक्स भरने वाले कारोबारियों को आइएएस अधिकारी जैसा सम्मान दिए जाने की मांग की है। साथ ही कहा है कि सरकार व्यापारियों को पेंशन देने के लिए अध्यादेश लाए।

कुछ अलग दिखने वाली यह मांग अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के मंच से की गईं। बुधवार को होटल बृजवासी रॉयल में आयोजित मंडलीय सम्मेलन में व्यापारियों ने इसके लिए हुंकार भरी। सम्मेलन का शुभारंभ मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप बंसल, प्रांतीय उपाध्यक्ष मुरारी अग्रवाल ने किया। व्यापार मंडल के राष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने व्यापारियों को पेंशन मिलने सहित तीन प्रस्ताव रखे। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जिस तरह सेना देश की रक्षक है उसी तरह अपने खून पसीने की कमाई से सरकार को टैक्स देने वाला व्यापारी आर्थिक सैनिक है। आजादी के 71 साल बाद भी व्यापारी को वो सम्मान नहीं मिला, जिसका वह ह़कदार है। इसके लिए तीन सितंबर को लखनऊ में व्यापारी महाकुंभ होगा। इसमें सरकार को व्यापारियों की मांग मानने को मजबूर किया जाएगा। प्रांतीय उपाध्यक्ष ने कहा कि टैक्स देने वाले हर पंजीकृत व्यापारी को पेंशन मिले। इसके लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में अध्यादेश लाए। महामंत्री नवीन नागर ने कहा कि व्यापारी जीएसटी को भी स्वीकार कर चुका है। पेट्रोल, डीजल, अल्कोहल को भी जीएसटी के दायरे में लाकर सरकार को महंगाई रोकनी चाहिए। इस दौरान मनोज यादव, अशोक बागला, मीना माहेश्वरी, मथुरा महानगर अध्यक्ष संजय, युवा जिलाध्यक्ष राजू पंडित, गिलट व्यवसायी समिति के हरीश अग्रवाल, अशोक आढ़ती, राजेन्द्र सर्राफ, भगवान दास खंडेलवाल, विपिन किरोड़ी, विजय किरोड़ी, प्रदीप सर्राफ आदि ने विभिन्न प्रस्ताव प्रस्तुत किए और विचार रखे।

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--व्यापारी को एससी-एसटी से दिक्कत नहीं--

पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि व्यापारी अभी पूरी तरह एकजुट नहीं हो पाता जिसकी वजह से उसका उत्पीड़न होता है। इसके लिए व्यापारी को राजनीति में खुलकर हिस्सेदारी लेनी या छीननी चाहिए और सरकार का हिस्सा बनना चाहिए। व्यापारी महाकुंभ से नए व्यापारिक आंदोलन के आगाज का संकेत देते हुए कहा कि राजनीतिक पार्टियां खुलकर व्यापारी को टिकट देने का ऐलान करें। छह सितंबर को एससी-एसटी आरक्षण के विरोध में भारत बंद की अफवाह को लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष ने साफ किया कि व्यापारियों को एससी-एसटी आरक्षण से कोई दिक्कत नहीं है। व्यापारी समाज ने आरक्षण का विरोध नहीं करने का निर्णय लिया है।

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