गुरुकुल की भूमि स्वामी रामदेव को देने के प्रस्ताव पर हंगामा

उप्र आर्य प्रतिनिधि सभा की साधारण सभा की बैठक में हंगामा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Apr 2019 11:29 PM (IST) Updated:Sun, 21 Apr 2019 11:29 PM (IST)
गुरुकुल की भूमि स्वामी रामदेव को देने के प्रस्ताव पर हंगामा
गुरुकुल की भूमि स्वामी रामदेव को देने के प्रस्ताव पर हंगामा

वृंदावन (मथुरा)जागरण संवाददाता। उप्र आर्य प्रतिनिधि सभा की बैठक हंगामेदार रही। इसमें पदाधिकारियों और सदस्यों ने प्रतिनिधिसभा के अध्यक्ष पर गुरुकुल की बेशकीमती भूमि को बेचने का आरोप लगाया। यही नहीं अध्यक्ष पर संगीन आरोप लगाते हुए उन्हें पद से हटाने की मांग की।

गुरुकुल परिसर में रविवार को उप्र आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष डॉ. धीरज प्रधान की अध्यक्षता में साधारण सभा की बैठक हुई। इसमें प्रतिनिधि सभा की ओर से गुरुकुल की 65 एकड़ बेशकीमती भूमि स्वामी रामदेव को हस्तांतरित करने और इसके एवज में स्वामी रामदेव की ओर से 300-400 करोड़ रुपये खर्च कर शहीदों के बच्चों के लिए छात्रावास बनाने का प्रस्ताव आया। डॉ. धीरज ने कहा कि स्वामी रामदेव रुपये दान में नहीं देंगे बल्कि इन्वेस्ट करेंगे। इस पर प्रतिनिधि सभा के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। प्रस्ताव का विरोध करते हुए चाणक्य युवा संगठन के संस्थापक आर्य अशोक शर्मा ने कहा कि गुरुकुल वृंदावन को करोड़ों रुपये में बेचा जा रहा है। आर्य समाज की संस्था संस्कृत का केंद्र है। इसका व्यवसायीकरण नहीं होना चाहिए। राजा महेंद्र प्रताप ने जमीन शिक्षा के लिए आर्य प्रतिनिधि सभा को दान दी थी, व्यापार के लिए नहीं। अन्य सदस्यों ने कहा स्वामी रामदेव व्यवसायी हैं और वह यहां व्यवसाय करेंगे। यदि उनकी भावना वास्तव में शहीदों के लिए कार्य करने की है तो जमीन खरीदकर धन क्यों नहीं लगाते, मथुरा जनपद में बहुत सी जमीन बिक रही है। उधर, जब धीरज प्रधान से उनका पक्ष लेने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ जा रहा था। - जेल जा चुके हैं प्रधान:

राष्ट्रवादी सेना के अध्यक्ष अंकित ने कहा प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष डॉ. धीरज कुछ ही समय पहले धोखाधड़ी के मामले में बुलंदशहर में जेल में बंद रहे हैं। ऐसे लोगों को पद पर रहने का अधिकार नहीं। - बिना कोरम पूरा किए हुई बैठक:

बैठक में प्रदेश के समस्त आर्य समाजों के कुछ प्रतिनिधि ही मौजूद थे। कोरम भी पूरा नहीं था। बिना कोरम पूरा किए साधारण सभा की बैठक में विवादास्पद बिदु पर काफी गहमागहमी हुई और उसके बाद बैठक का समापन हुआ पर कोई निष्कर्ष नहीं निकला। - राजा महेंद्र प्रताप ने दी थी भूमि:

गुरुकुल अपने आप में ऐतिहासिक संस्था है। इसके निर्माण को राजा महेंद्र प्रताप ने अपने बाग की लगभग 65 एकड़ जमीन दान में दी थी। लंबे समय तक गुरुकुल विश्वविद्यालय चलाया गया। वर्तमान में गुरुकुल चल रहा है। इस बेशकीमती भूमि पर विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के लोगों की निगाह है। - सीबीआइ जांच की मांग

चाणक्य युवा संगठन के अध्यक्ष आर्य अशोक शर्मा ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर गुरुकुल में फर्जी तरीके से अंकतालिका बनाकर देने के मामले की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग की है। बालकों को गुरुकुल में उचित शिक्षा दी जाए और गुरुकुल परिसर को सुरक्षित बनाने के लिए उप्र आर्य प्रतिनिधि सभा प्रस्ताव रख रही थी। बैठक में स्वामी रामदेव को भूमि प्रदान करने का कोई प्रस्ताव नहीं था।

आचार्य स्वदेश, गुरुकुल संचालक

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