'आवारा' आतंक पर किसानों की हुंकार, उमड़ा जनसैलाब

लंबे समय से दबा था फसल बर्बादी के प्रति गुस्सा, ग्राम प्रधानों की भी जिम्मेदारी, गोचर भूमि पर फेंसिंग की तैयारी

By JagranEdited By: Publish:Fri, 28 Dec 2018 12:22 AM (IST) Updated:Fri, 28 Dec 2018 12:22 AM (IST)
'आवारा' आतंक पर किसानों की हुंकार, उमड़ा जनसैलाब
'आवारा' आतंक पर किसानों की हुंकार, उमड़ा जनसैलाब

मथुरा, जासं: खेतों और सड़कों पर 'आवारा' आतंक के खिलाफ किसानों ने ऐसी हुंकार भरी कि सड़क पर जनसैलाब उतर आया। जहां से किसान गुजरे, लोग भी समर्थन देते गए। केवल गांवों की ही नहीं, शहर की भी समस्या बन चुके आवारा पशुओं को लेकर प्रशासन अब चेता है।

गोकुल बैराज से शुरू हुआ जुलूस पांच किमी. की दूरी तय कर कलक्ट्रेट पहुंचा। भारतीय किसान यूनियन अराजनीतिक के बैनर तले कलक्ट्रेट पहुंचे किसानों को रोकने की कोशिश की गई तो टकराव के हालात बन गए। किसानों का कहना था कि वह जिलाधिकारी से समस्या को लेकर पिछले छह माह से वार्ता कर रहे हैं। अब वह शांत बैठने वाले नहीं हैं। प्रशासन ने सूझबूझ का परिचय देते हुए कलक्ट्रेट के गेट खुलवाए।

अंदर हुए धरने में किसान यूनियन के मंडल अध्यक्ष गजन परिहार ने कहा समस्या के समाधान में सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कर गेहूं कम से कम 21000 पर खरीदे जाने की मांग की। सिकंदर ¨सह तोमर ने कहा प्रशासन को गांव-गांव में गोशाला खोलने चाहिए। जिलाध्यक्ष राजकुमार तोमर, सुधीर रावत, यतेंद्र सिकरवार, राजपाल भरंगर, योगेश नौहवार, प्रदीप माथुर, कुं. चरत प्रताप ¨सह, गजेंद्र रावत, गजेंद्र ¨सह परिहार, हरपाल ¨सह आदि के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया।

जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्रा ने यह भी कहा कि वृंदावन में कान्हा गौशाला एक महीने में तैयार हो जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की यह समस्या उनके बीच के लोगों द्वारा पैदा की हुई है। अगर हम गाय का दूध पीते हैं तो उसे इस तरीके से बेसहारा नहीं छोड़ सकते। किसान भी इस बात को ध्यान रखें तो समस्या का समाधान आसानी से हो सकता है। यूनियन द्वारा सौंपे गए सात सूत्रीय ज्ञापन में आवारा पशुओं की समस्या के अलावा टेल तक पानी पहुंचने की समस्या, ¨सचाई के लिए 20 घंटे बिजली मिलने की मांग भी शामिल है। डीएम ने दिए यह आश्वासन

किसानों को डीएम सर्वज्ञराम मिश्र ने आश्वासन दिया कि एक महीने में इस समस्या का हल कर देंगे। उन्होंने सभी ग्राम प्रधानों को गोचर भूमि पर तार फें¨सग करके आवारा पशुओं के लिए बाड़ा बनाकर उसमें रखने के आदेश दिए हैं। अगर कोई प्रधान इस आदेश को नहीं मानता है तो उसके अधिकार छीनने की कार्रवाई करेंगे।

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