मौसम की अंगड़ाई से खेतों में खलबली
जागरण संवाददाता, मथुरा: बेरहम मौसम अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहा है। खेतों में गेहूं-जौ की कटाई चल रही है और किसान अपनी फसल को सही सलामत घर लाने के लिए परेशान है, लेकिन आसमान की ओर देखते ही उसका हृदय कांप उठता है। बुधवार को भी मौसम ने अंगड़ाई क्या ली, खेतों में खलबली मच गयी। सुबह से ही धूल भरी तेज हवाएं चलती रहीं और आसमान में बादल छाए रहे। दोपहर को थोड़ी देर हल्की बूंदाबांदी भी हुई और उसके बाद धूप खिल उठी।
रबी की फसलों ने मौसम के कई प्रहार सहे हैं। कभी ओले गिरे, कभी बारिश हुई, कभी पाला पड़ा तो कभी बारिश के साथ तेज हवाएं चलीं। कुल मिलाकर आलू, गेहूं, जौ, सरसों, चना आदि फसलों को मौसम की इन्हीं हरकतों से नुकसान सहना पड़ा। लेकिन अब जब फसलें खेतों में पकी खड़ी हैं और कटाई चल रही है ऐसे में मौसम का बिगड़ना किसानों के लिए बेहद नुकसान दायक साबित हो सकता है। गेहूं की नरई सूख चुकी है, बारिश हुई या तेज हवाएं चलीं तो इसके टूटने का डर सता रहा है। अगर फसल गिरी तो बाली के दाने झड़ने का खतरा भी किसानों के सिर मंडरा रहा है।
सिकंदपुर के किसान रघुराज सिंह बताते हैं कि इस बार मौसम न जाने क्या करके मानेगा। खेतों में ज्यादातर गेहूं कटे पड़े और कुछ कटने के लिए खड़े हैं। बारिश या आंधी आई तो उनकी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। मुखराई के दिनेश शर्मा ने बताया कि ज्यादा नहीं सिर्फ 15 दिन तक मौसम शांत रहे, उसके बाद भले ही खूब बरस ले। एक पखवाड़े में उनकी फसल और भूसा आदि सब ठिकाने लग जाएगा और खेत खाली हो जाएंगे। बेरी के योगीराज कहते हैं कि लगातार कई बार के कहर के कारण इस बार खेती में कुछ भी नहीं बचा है, थोड़े-बहुत दाने जो खेतों में पड़े हैं, लगता है वो भी सही-सलामत घर नहीं आ पाएंगे। कुछ भी हो इस खेती में किसान बर्बाद हो गया है।