गरीबी ने ली प्रसूता की जान

किशनी : गरीबी ने प्रसूता की जान ले ली। जब उसे सुरक्षित स्थान पर सोना चाहिए था, उस समय मजबूरी में खुले आसमान की नीचे सोना पड़ा। हालत बिगड़ गई। सैफई ले जाते समय मौत हो गई। गांव के लोगों ने चंदे से महिला का अंतिम संस्कार कराया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 Sep 2018 11:23 PM (IST) Updated:Sat, 15 Sep 2018 11:23 PM (IST)
गरीबी ने ली प्रसूता की जान
गरीबी ने ली प्रसूता की जान

संसू, किशनी : गरीबी ने प्रसूता की जान ले ली। जब उसे सुरक्षित स्थान पर सोना चाहिए था, उस समय मजबूरी में खुले आसमान की नीचे सोना पड़ा। हालत बिगड़ गई। सैफई ले जाते समय मौत हो गई। गांव के लोगों ने चंदे से महिला का अंतिम संस्कार कराया।

किशनी के गांव मनिगांव के मजरा जगतपुर निवासी राजेश जोशी काफी गरीब है। पांडित्य कर्म कर परिवार का भरण-पोषण करते थे। लंबे अरसे से कच्चे मकान में परिवार सहित गुजारा कर रहे थे। एक सप्ताह पहले तेज बारिश में कच्चा मकान ढह गया तो पॉलीथिन तानकर गुजारा करने लगी। उनकी पत्नी प्रियंका गर्भवती थी। गुरुवार को सुबह नौ बजे प्रियंका ने किशनी सीएचसी पर एक बेटी को जन्म दिया। शाम को चिकित्सकों ने छुट्टी कर दी। प्रियंका घर पहुंच गई। नवजात बेटी के साथ खुले आसमान के नीचे सोना पड़ा। शुक्रवार शाम भी प्रियंका बेटी के साथ खुले आसमान के नीचे लेट गई। थोड़ी देर में ओस गिरने से हालत बिगड़ने लगी। परिजन इलाज के लिए अस्पताल ले गए। वहां से सैफई रेफर कर दिया गया। रास्ते में प्रियंका की मौत हो गई। परिजन शव को वापस ले आए। राजेश के पास पत्नी के अंतिम संस्कार के लिए पैसा नहीं था। गांव के लोगों ने शव का अंतिम संस्कार किया। घटना से गांव के लोग काफी दुखी हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गरीब होने के बाद भी राजेश को किसी सरकारी सहायता का लाभ नहीं दिया गया।

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