Mulayam Singh Yadav Death: वो वक्त जब मुलायम सिंह यादव की कार पर हुआ था जानलेवा हमला, बरसी थीं गोलियां
Mulayam Singh Yadav Death कार पर बरसी थी गोलियां बाल-बाल बचे थे नेताजी। 1984 में मैनपुरी के अंबरपुर में मुलायम सिंह यादव पर हुआ था जानलेवा हमला। हमले में घायल नेत्रपाल सिंह के जहन में आज भी ताजा हैं घटना की यादें।
मैनपुरी, बदरूल हसन। सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव ने जहां दोस्तों और समर्थकों की फौज तैयार की, वहीं कुछ दुश्मनों ने उन पर वार भी किए। करहल क्षेत्र में नेताजी पर जानलेवा हमला किया गया था। गाड़ियों पर गोलियों की बौछार की गई, परंतु मुलायम सिंह यादव बच गए। उस हमले में घायल हुए नेत्रपाल सिंह यादव आज भी घटना को याद कर सिहर उठते हैं।
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क्या हुआ था
वर्ष 1980 में जसवंत नगर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में तत्कालीन पंचायती राज मंत्री कांग्रेस नेता बलराम सिंह यादव से मुलायम सिंह चुनाव हार गए थे। इसके बाद वह एमएलसी बने थे और विधान परिषद में नेता विपक्ष थे। मुलायम सिंह यादव पर हमले की घटना तीन मार्च 1984 की है। वह थाना कुर्रा क्षेत्र के गांव मई खेड़ा में रामेश्वर सिंह की बेटी और जसवंत नगर थाना के गांव परसौआ निवासी बच्ची लाल यादव के भतीजे की शादी थी। मुलायम सिंह यादव उस शादी में बराती के रूप में शामिल होने आए थे। बारात के स्वागत-सत्कार और खाना खाने के बाद उसी दिन रात 10 बजे एंबेसडर कार में बैठकर मुलायम सिंह यादव करहल की तरफ चल दिए। उनके साथ करहल के नेता रामेश्वर दयाल यादव और बच्ची लाल यादव भी थे। एंबेसडर कार सरकारी थी और चालक भी सरकारी थी। कार के आगे करहल निवासी नेत्रपाल सिंह यादव अपनी बुलेट मोटरसाइकिल से चल रहे थे। उनके पीछे गांव मई खेड़ा निवासी छोटेलाल यादव बैठे। छोटेलाल यादव उस समय परिषदीय शिक्षक थे।
मुलायम सिंह यादव की कार जैसे ही गांव मई खेड़ा से बंबा की पटरी होकर गांव अंबरपुर के सामने पहुंची। वहां आम के बाग में असलहों से लैस कुछ बदमाश छिपे हुए थे। जैसे ही नेत्रपाल सिंह यादव की मोटरसाइकिल आम के बाग के सामने आई, बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी। नेत्रपाल सिंह यादव को कई गोलियां लगीं। मोटरसाइिकल पर पीछे बैठे छोटेलाल को भी कई गोलियां लगीं और उनकी घटनास्थल पर मौत हो गई। बदमाशों ने मुलायम सिंह की एंबेसडर कार पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। नेताजी कार के अंदर सीट के नीचे झुक गए थे। गोलीबारी की आवाज सुनकर आसपास के लोग घटनास्थल की तरफ दौड़ पड़े। इसके बाद फायरिंग करने वाले बदमाश मौके से भाग गए और नेताजी बच गए। घटना के एक घंटे बाद मौके पर कुर्रा पुलिस आई थी। एंबेसडर कार के पहियों में गोली नहीं लगी थीं, ऐसे में उसी कार से नेताजी इटावा रात को ही चले गए थे।
पुलिस गंभीर रूप से घायल नेत्रपाल को करहल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज के लिए लेकर आई थी। वहां उनको इटावा के जिला अस्पताल ले जाया गया। हालत में सुधार न होने पर उनको आगरा के एसएन हास्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां पर आपरेशन करके गोलियां निकाली गई थीं। इस घटना में नेत्रपाल की सीधे तरफ की टांग की हड्डी गोली लगने से टूट गई थी। इलाज के बाद जान तो बच गई, उनके पैर में अब भी परेशानी है। नेत्रपाल सिंह यादव बताते हैं कि मैं आज भी उस घटना को भूला नहीं हूं। हमारी टांग भले ही टूट गई, परंतु नेताजी की जान बच गई। इसके लिए हम हमेशा ईश्वर काे धन्यवाद देते हैं। नेताजी मुलायम सिंह यादव मुझे अस्पताल में घायल अवस्था में देखने भी आए थे। इस मामले की रिपोर्ट अज्ञात हमलावरों के नाम थाना कुर्रा में दर्ज कराई गई थी।