बाल हठ से पिता परेशान, हेडमास्टर हैरान

सरकारी स्कूल में पढ़ने को दो दिन से नहीं जा रहा इंग्लिश मीडियम स्कूल, बीच सत्र में दाखिला कैसे ले परिषदीय स्कूल।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Jan 2019 09:04 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jan 2019 09:04 PM (IST)
बाल हठ से पिता परेशान, हेडमास्टर हैरान
बाल हठ से पिता परेशान, हेडमास्टर हैरान

मैनपुरी, जागरण संवाददाता। कक्षा दो के छात्र की जिद से उसके पिता परेशान हैं। इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने वाला ये छात्र गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने की हठ पकड़े हुए है। हेडमास्टर अगले सत्र से दाखिले का आश्वासन दे रहे हैं, मगर बच्चा है कि मान ही नहीं रहा। दो दिनों से घर में रूठा-रूठा सा है।

विकास खंड सुल्तानगंज के गांव रजवाना निवासी रामौतार का सात वर्षीय पुत्र सूर्यांश नजदीकी जसनपुर स्थित इंगलिश मीडियम जनता इंटर कॉलेज में कक्षा दो का छात्र है। दो दिनों से वो स्कूल नहीं जा रहा है। परिजनों ने वजह पूछी तो सूर्याश ने प्राथमिक विद्यालय रजवाना में पढ़ने की जिद कर दी। बेटे का हठ देख बुधवार को रामौतार सूर्याश को लेकर विद्यालय पहुंचे। प्रधानाध्यापक इशरत अली ने बीच सत्र में दाखिला संभव न होने की बात कही। बालक की हठ देख प्रधानाध्यापक ने एडमिशन फॉर्म देकर बच्चे को नए सत्र में दाखिला करने का भरोसा दिया। पढ़ाई का तरीका देख बदला मन: रामौतार ने बताया कि सूर्यांश अपनी बहन के साथ परिषदीय स्कूल के सामने से ही स्कूल जाता था। वहां होने वाली गतिविधियों को देख अक्सर ठहर जाता था। वहां का माहौल देख वो अब जिद कर रहा है। यूं ही नहीं मचल रहा सूर्याश: सरकारी स्कूल में पढ़ने के लिए सूर्याश यूं ही नहीं मचल रहा। प्रतिदिन प्रार्थना के बाद प्रोजेक्टर से वीडियो दिखाकर पढ़ाई कराना। खेल-खेल में ही विषयों की जानकारी देना स्कूल की दिनचर्या है। नियमित पेरेंट्स मीटिंग भी होती है। फुटबाल, वालीबॉल, बैड¨मटन और दूसरे खेल भी खिलाए जाते हैं। एडमिशन फॉर्म नहीं, ये बायोडाटा है: प्रधानाध्यापक इशरत अली बताते हैं कि वर्ष 2015 में छात्र प्रोफाइल का नियम लागू होने के बाद एडमिशन फॉर्म का प्रोफार्मा तैयार किया। जिसमें बच्चों का नाम, पिता का नाम, पता, मोबाइल नंबर आदि के साथ ब्लड ग्रुप भी दर्ज किया जाता है। एक तरह से ये बच्चे का बायोडाटा होता है।

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