घर लौटे आठ हजार अपनों ने बढ़ाई टेंशन
मैनपुरी जासं। कोरोना को महामारी घोषित करने के बाद लागू हुए लाकडाउन के चलते जिले के विभिन्न गांवों में आए आठ हजार लोग अधिकारियों की परेशानी का सबब बन गए हैं।
मैनपुरी, जासं। विश्व में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस के बीच दूर-दराज के शहरों से घरों को लौटे आठ हजार अपनों ने मैनपुरी की टेंशन बढ़ा दी। वहीं, जिले के 240 प्रधान तो अभी तक घर लौटे लोगों की जानकारी प्रशासन को नहीं दे सके हैं। गांवों में ऐसे ग्रामीणों के लिए बनाए गए अस्थाई शेल्टर होम अब खाली पड़े हैं। जिला कंट्रोल रूम में ऐसी शिकायतों को अंबार लगा है। अब ग्रामीण सीएम हेल्प लाइन से ऐसी शिकायतों को लेकर जुड़ रहे हैं।
हरियाणा, दिल्ली के अलावा गैर जिलों में मैनपुरी जिले के बहुतायत निवासी रोजगार करते हैं। उत्तराखंड, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, पंजाब, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, छत्तीसगढ़ में भी यहां के ग्रामीण युवक काम के सिलसिले में रहते हैं। लेकिन लॉकडाउन लागू होने से अब ऐसे लोग घर लौट आए हैं। कई दिनों तक ऐसे ग्रामीणों का गांव लौटने का सिलसिला चला। पंचायत राज विभाग ने अब तक जिले के नौ ब्लॉकों के गांवों में बाहर से लौटे आठ हजार से अधिक अपने ग्रामीण चिह्नित कर सूची तैयार की है।
चिताजनक यह है कि इनमें गैर राज्यों से लौटे काफी लोगों के सेहत की जानकारी सरकारी तंत्र के पास नहीं है, क्योंकि उनका मेडिकल चेकअप नहीं हुआ है। गैर राज्यों से लौटे लोगों में कौन कहां क्वारंटाइन है, इसकी मुकम्मल जानकारी नहीं है। साफ है कि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने को मैनपुरी के हरेक बांशिदे को जागरूक होकर सावधानी बरतनी होगी। वैसे गैर राज्यों से आए लोग और भी हो सकते हैं, क्योंकि अभी उन्हें चिन्हित करने का काम जारी है। कई ग्राम पंचायतें तो बाहर से आए लोगों को लेकर रत्तीभर भी गंभीर नहीं। डीपीआरओ स्वामीदीन ने कहा कि गैर राज्यों से लौटे ऐसे ग्रामीणों का पूरा ब्योरा ऑनलाइन करा दिया गया है। बाहर से आए लोग क्वारंटाइन हैं। इसके बावजूद हम पूरी सतर्कता बरत रहे हैं।
सीएम हेल्प लाइन तक गुहार-
गांव लौटे अपनों से अपने ही तनाव में है। बाहर से आए ऐसे अपने ग्रामीणों की जांच नहीं होने से दूसरे ग्रामीण असहज महसूस कर रहे हैं। ऐसे ग्रामीण अपनों की जांच कराने के लिए जिला कंट्रोल रूम से लेकर सीएम हेल्पलाइन गुहार लगा रहे हैं। सूने पड़े हैं शेल्टर होम
घर लौटे लोगों के लिए गांवों के सरकारी स्कूल, पंचायत घर और आंगनबाड़ी केंद्रों में बनाए शेल्टर होम अब सूने नजर आ रहे हैं। कहीं एकाध ऐसा ग्रामीण रहता है तो वह शाम होते ही घर चला जाता है। वहीं, कुसमरा के सकरा में बने शेल्टर होम में कोई ग्रामीण नहीं रुका, जबकि गद्दे कमरों की शोभा बन रहे हैं। कराते हैं जांच-
कंट्रोल रुम में ऐसे ग्रामीणों की जांच कराने की गुहार करने वाले तमाम फोन हर रोज आते हैं। ऐसी फोन कॉलों का संज्ञान लेकर चिकित्सकीय टीम को बताए गए गांव भेजते हैं। अब तक ऐसी सभी जांचों में थकान का मामला ही निकला है।
- नगेंद्र शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी।
ब्लॉक-- ग्राम सभा
बरनाहल- 55
बेवर- 31
घिरोर- 42
जागीर- 29
करहल- 17
किशनी- 29
कुरावली- 39
मैनपुरी- 16
सुल्तानगंज- 54