आल्हा गायन व बुंदेली लोकगीतों के नाम रही पहली शाम

जागरण संवाददाता, महोबा : महोबा संरक्षण एवं विकास समिति व नगर पालिका परिषद द्वारा आयोजित ऐ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Aug 2018 11:24 PM (IST) Updated:Mon, 27 Aug 2018 11:24 PM (IST)
आल्हा गायन व बुंदेली लोकगीतों के नाम रही पहली शाम
आल्हा गायन व बुंदेली लोकगीतों के नाम रही पहली शाम

जागरण संवाददाता, महोबा : महोबा संरक्षण एवं विकास समिति व नगर पालिका परिषद द्वारा आयोजित ऐतिहासिक कजली महोत्सव की पहली शाम आल्हा गायन व लोकगीतों के नाम रही। सांस्कृतिक मंच पर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित मालती विश्वकर्मा द्वारा मां चंद्रिका वंदना व स्वागत गीत से कार्यक्रम की शुरूआत कराई गई। उनकी प्रस्तुति को सभी ने जमकर सराहा। इसके बाद यश भारती से सम्मानित शहर के छिकहरा गांव निवासी आल्हा सम्राट वंशगोपाल यादव, उमाशंकर सेन ने आल्हा गायन की प्रस्तुति की। उनकी प्रस्तुति बड़े लड़ईया महुबे वाले जिनसे हार गई तलवार ने लोगों में जोश भरा।

आल्हा गायन के बाद रामाधीन आर्य एंड पार्टी आकाशवाणी छतरपुर व निशांत भदौरिया एंड पार्टी झांसी द्वारा बुंदेली लोक गीत व राई नृत्य की प्रस्तुति कर सभी को सराहने पर मजबूर कर दिया। अन्म दईयो विधाता बुंदेलखंड में आदि लोकगीतों के माध्यम से कलाकारों ने समां बांधा। वहीं रामसेवक तिवारी एंड ग्रुप ने लाड़ौ की लड़ाई का मंचन किया और दर्शकों को दिल जीत लिया। इस दौरान जिलाधिकारी सहदेव, एसपी कुंवर अनुपम ¨सह, पालिकाध्यक्ष दिलाशा तिवारी, प्रतिनिधि सौरभ तिवारी सहित बड़ी संख्या में अधिकारी सहित अन्य लोग मौजूद रहे। उधर मेला में खरीददारी करने के लिए पहुंचे। महिलाओं ने जहां चाट बताशे का आनंद लिया तो वहीं बच्चों ने झूला झूलकर मौज मस्ती की।

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