जमा पूंजी भी गई, एक लाख का चढ़ा कर्जा

संवाद सूत्र श्रीनगर (महोबा) किसी की दस बीघा तो किसी की साठ बीघा फसल पूरी तरह से ओला औ

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Jan 2022 06:47 PM (IST) Updated:Sun, 09 Jan 2022 06:47 PM (IST)
जमा पूंजी भी गई, एक लाख का चढ़ा कर्जा
जमा पूंजी भी गई, एक लाख का चढ़ा कर्जा

संवाद सूत्र, श्रीनगर (महोबा): किसी की दस बीघा तो किसी की साठ बीघा फसल पूरी तरह से ओला और बारिश में नष्ट हो गई। हालात यह हो गए हैं कि किसानों की जमा पूंजी तो गई ही ऊपर से हजारों-लाखों का कर्ज हो गया है। आगे साल भर के लिए खाने का इंतजाम कैसे होगा यह सूझ नहीं रहा है। सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव पिपरा माफ में शनिवार-रविवार रात को ओला गिरने से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। बयां की पीड़ा

आठ बीघा जमीन है, इसमें चार बीघा में मटर, दो में चना और दो बीघा में गेहूं बोया है, गेहूं की फसल पचास प्रतिशत तो मटर, चना की फसल पूरी तरह खराब हो चुकी है, घर से लगाई लागत भी निकलना मुश्किल है।

- कृष्णदेव त्रिपाठी, पिपरामाफ पांच बीघा जमीन में करीब बीस हजार रुपये की लागत में घर की पूंजी लगा दी, दो बीघा में चना तीन बीघा में मटर बोई है, अब उसमें से दाना भी मिलना मुश्किल दिख रहा है, पूरी फसल नष्ट हो गई है।

- किशोरी लाल कुशवाहा, पिपरामाफ साठ बीघा जमीन में चालीस बीघे में चना है, बीस बीघा में मटर और 25 बीघा जमीन बटाई पर दी है जिसमें लाही बोई थी, उम्मीद थी कि एक लाख रुपये बैंक का कर्जा अदा हो जाएगा और जमा पूंजी निकल आएगी लेकिन अब तो कठिन दिख रहा है।

- खुमान सिंह, पिपरामाफ 14 बीघा जमीन में से सात में चना, पांच में मटर की फसल थी और दो बीघा में गेहूं बोया है, बारिश और ओला से चना और मटर को बहुत नुकसान हुआ है, गेहूं की फसल में करीब पचास प्रतिशत तक नुकसान हो चुका है।

- रामेश्वर कुशवाहा, पिपरामाफ

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