बीमार बना अस्पताल, कैसे हो मरीजों का इलाज

एक तरफ जहां सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है वहीं दूसरी तरफ गैर जिम्मेदारों की वजह से अस्पताल खुद बीमार पड़ जा रहे हैं। नगर पालिका नौतनवा में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Jul 2019 12:19 AM (IST) Updated:Sun, 28 Jul 2019 12:19 AM (IST)
बीमार बना अस्पताल, कैसे हो मरीजों का इलाज
बीमार बना अस्पताल, कैसे हो मरीजों का इलाज

महराजगंज: एक तरफ जहां सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है, वहीं दूसरी तरफ गैर जिम्मेदारों की वजह से अस्पताल खुद बीमार पड़ जा रहे हैं। नगर पालिका नौतनवा में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है।

इस अस्पताल में असुविधाओं का बोलबाला है। यहां मरीजों एवं तीमारदारों को ही नहीं बल्कि उनके साथ-साथ चिकित्सकों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अस्पताल में मौजूद भवन अंग्रेजों के जमाने के ही बने हुए हैं। अंग्रेजों द्वारा निर्माण कराए जाने के बाद से ही इस अस्पताल में आज तक कोई भी नवीनीकरण का कार्य नहीं कराया गया, जिससे अस्पताल की छत पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं । जर्जर छत कब किस पर आफत बन कर टूट पड़े, कुछ कहा नहीं जा सकता। बारिश होने पर छत से पानी टपकता है। अस्पताल में रखीं कई दवाइयां, पर्ची, बिस्तर आदि भीग कर खराब हो जा रहे हैं। अस्पताल में पर्याप्त बेड न होने के कारण मरीजों को मजबूरन फर्श पर इलाज करना पड़ता है। या मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता है। अस्पताल में एक भी इन्वर्टर, जनरेटर की सुविधा भी नहीं है, जिससे बिजली न रहने की दशा में पूरे अस्पताल में अंधेरा छा जाता है। अस्पताल के चारों तरफ कूड़ों का अंबार लगे होने से वातावरण दूषित हो रहा है, जो मरीजों, तीमारदारों के साथ-साथ चिकित्सकों के लिए भी हानिकारक साबित हो रहा है। शौचालय एवं मूत्रालय कूड़ों से पटा हुआ हैं, जिससे मरीज एवं तीमारदार खुले में शौच जानें को मजबूर हैं। अस्पताल के मुख्य द्वार पर एक भी गेट नहीं है, जिसकी वजह से परिसर में बेसहारा पशु भी झुंड बनाकर खुलेआम घूमते रहते हैं। अस्पताल में लगा इंडिया मार्क हैंडपंप व टोटियां खराब पड़ा है। जिससे मरीजों व तीमारदारों को पानी के लिए भटकना पड़ता है।

अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप

chat bot
आपका साथी