Lok Sabha Election: सोहगीबरवा में है मतदान कराना तो बिहार भी होगा जाना, ऐसी है इस लोकसभा की कहानी

Lok Sabha Election सुदूर सोहगीबरवा के मतदान केंद्र की परेशानी किसी से छिपी नहीं है। यहां बिहार और कुशीनगर होकर मतदान केंद्र तक जाने की मजबूरी है। समस्याएं जिले के अन्य मतदान केंद्रों पर भी हैं। 165 केंद्रों पर रैंप नहीं है तो 163 जगह शौचालय की व्यवस्था ठीक नहीं है। भीषण गर्मी में हो रहे चुनाव में पेयजल व्यवस्था का भी बुरा हाल है।

By Jagran NewsEdited By: Vivek Shukla Publish:Tue, 09 Apr 2024 10:59 AM (IST) Updated:Tue, 09 Apr 2024 11:21 AM (IST)
Lok Sabha Election: सोहगीबरवा में है मतदान कराना तो बिहार भी होगा जाना, ऐसी है इस लोकसभा की कहानी
नारायणी पर पुल न बनने के कारण सोहगीबरवा पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को नाव का सहारा लेना पड़ता है।

लोकसभा क्षेत्र महराजगंज में चुनाव को लेकर प्रशासन की तैयारी चल रही है। यहां सातवें चरण में एक जून को मतदान होना है। निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराने के लिए निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी कमियों को दूर करने में लगे हैं। लेकिन अभी जिले के लगभग 182 मतदान केंद्रों पर समस्याएं बनीं हुईं हैं। किसी केंद्र पर रास्ते की दुश्वारी है तो 93 मतदान केंद्रों पर बिजली कनेक्शन ही नहीं है।

सुदूर सोहगीबरवा के मतदान केंद्र की परेशानी किसी से छिपी नहीं है। यहां बिहार और कुशीनगर होकर मतदान केंद्र तक जाने की मजबूरी है। समस्याएं जिले के अन्य मतदान केंद्रों पर भी हैं। 165 केंद्रों पर रैंप नहीं है तो 163 जगह शौचालय की व्यवस्था ठीक नहीं है। भीषण गर्मी में हो रहे चुनाव में पेयजल व्यवस्था का भी बुरा हाल है।

105 मतदान केंद्रों पर पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है। 182 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां चहारदिवारी का अभाव है। दैनिक जागरण की टीम ने बूथों पर तैयारी को लेकर पड़ताल की तो कई मतदान केंद्रों पर कमियां मिलीं। जिले के विभिन्न विधानसभा क्षेत्र में बने बूथों पर मिली कमियों को उजागर करती विश्वदीपक त्रिपाठी की रिपोर्ट...

अपनी भौगोलिक दुश्वारी के चलते चर्चा में रहने वाले सोहगीबरवा मतदान केंद्र पर पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं है। पोलिंग पार्टियों को कुशीनगर और बिहार से होकर सोहगीबरवा के लिए जाना पड़ता है। सोहगीबरवा में मतदान के लिए कुल छह बूथ बनाए गए हैं। जिसमें प्राथमिक विद्यालय सोहगीबरवा पर दो बूथ बनाए गए हैं। वहीं प्राथमिक विद्यालय मूजा टोला में दो बूथ हैं। भोथहा में एक बूथ है। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय शिकारपुर में मतदान करने के लिए एक बूथ बनाया गया है।

नारायणी नदी पर पुल न बनने के कारण सोहगीबरवा पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को नाव का सहारा लेना पड़ता है। इसके अलावा दूसरा रास्ता कुशीनगर के खड्डा व बिहार के नौरंगिया होते हुए जाता है। पोलिंग पार्टियां नाव से न जा कर कुशीनगर व सोहगीबरवा होते हुए मतदान केंद्र तक पहुंचती हैं। यहां के प्राथमिक विद्यालय शिकारपुर में बने बूथ पर अभी भी काम चल रहा है।

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शौचालय का निर्माण अधूरा है। शिकारपुर बूथ तक जाने वाली सड़क बदहाल है। तीन किलोमीटर के रास्ते का सफर तय करने में करीब 40 मिनट का समय लगता है। हर बार चुनाव में इसका विकल्प तलाशने की बात उठती है लेकिन मतदान संपन्न होने के साथ यह बात प्राथमिकता से बाहर हो जाती है।

परसा में चहारदीवारी क्षतिग्रस्त, परसौनी में दिव्यांग शौचालय नहीं

नगर पंचायत परतावल के परसा बुजुर्ग में बूथ संख्या एक व दो पर चहारदीवारी क्षतिग्रस्त है। घुघली क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय ढेकही मतदान केंद्र का शौचालय बदहाल है जबकि कंपोजिट विद्यालय परसौनी में दिव्यांग शौचालय नहीं है। फरेंदा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय मंगलपुर का शौचालय पूर्ण रूप से ध्वस्त है। पेयजल की व्यवस्था भी सही नहीं है। कोल्हुई कंपोजिट विद्यालय में बने चुनाव बूथ की रंगाई-पोताई का कार्य चल रहा है। मतदान केंद्र कस्बे से 500 मीटर की दूरी पर बृजमनगंज मार्ग पर स्थित है।

12 किमी दूर बना मतदान केंद्र, मतदाताओं को होगी दिक्कत

चौक बाजार क्षेत्र के ग्राम सभा सोनाड़ी खास के वनग्राम हथियहवा व बलुवहिया में केंद्र नहीं है। यहां के करीब दो हजार मतदाताओं को मतदान करने के लिए 12 किलोमीटर दूरी तय कर नगर के कंपोजिट विद्यालय में जाना पड़ता है।

ग्राम प्रधान रमेश कुमार साहनी, ग्रामीण भागीरथी व गफ्फार ने बताया कि मतदान केंद्र नजदीक रहता तो ग्रामीणों को मतदान करने में आसानी होती। जून की चिलचिलाती धूप में मतदान होना है, ऐसे में अभी से यहां के लोगों माथे पर चिंता की लकीरें हैं। वह इस बात को लेकर तनाव में हैं कि उतनी दूर मतदान के लिए कैसे जाएंगे?

हरखपुरा प्राथमिक विद्यालय में जलभराव की समस्या

सदर तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत हरखपुरा बड़ा होने के कारण यहां छह बूथ बनाए गए हैं। इसमें प्राथमिक विद्यालय हड़तोड़हिया बूथ में सुविधाएं उपलब्ध हैं, जबकि पूर्व माध्यमिक विद्यालय बूथ की रंगाई-पोताई का कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। कार्य काफी धीमा चल रहा है।

इसके शौचालय की भी अभी समुचित व्यवस्था पूरी नहीं हो सकी है। विद्यालय परिसर में लगा ट्रांसफार्मर खराब है। ऐसे में बिजली की समस्या बनी हुई है। प्राथमिक विद्यालय हरखपुरा में तीन बूथ हैं। इसके कायाकल्प योजनान्तार्गत निर्माण के समय जल निकासी की व्यवस्था का ध्यान नहीं दिया गया है। ऐसे में परिसर में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

पड़ौली में शौचालय बदहाल

नौतनवां ब्लाक क्षेत्र के पड़ौली उच्च प्राथमिक विद्यालय (कंपोजिट) की स्थिति बदहाल है। यहां चहारदीवारी टूटी है। जिससे परिसर में बाहरी लोग आसानी से आ जाते हैं। शौचालय का फाटक महीनों से टूटा है। चुनाव के समय भी इसे लेकर विभागीय अधिकारी की तरफ से शिथिलता बरती जा रही है। यही हाल रहा तो मतदान के दिन पोलिंग पार्टियों और मतदाताओं को भी परेशानी होगी।

बिजली-पानी का संकट, कहीं रास्ते की दुश्वारी

लोकसभा चुनाव की तिथि घोषित होने के साथ ही बूथों की तैयारी का परीक्षण शुरू हो गया है। नामित किए गए नोडल, सेक्टर व जोनल मजिस्ट्रेट बूथों पर जा कर व्यवस्था का निरीक्षण कर वहां कमियों को दुरुस्त करा रहे हैं लेकिन अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे बूथ हैं, जहां समस्याएं बनी हुई हैं। 17वीं लोकसभा के चुनाव में सेमरहवा खास कंपोजिट विद्यालय और प्राथमिक विद्यालय बैरी कुंडी मतदान केंद्र पर मतदान के लिए लोगों को रोहिन नदी पार करने के बाद दो किलोमीटर दूर जाना पड़ा था।

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इस बार भी सेमरहवा खास के लोगों की दुश्वारी कम नहीं हुई हैं। लेकिन प्राथमिक विद्यालय बैरी कुंडी मतदान केंद्र से जुड़े मतदाताओं को राहत मिल गई है। इस बार उनके लिए नदी के इस पार ही प्राथमिक विद्यालय टेढ़ी, कानपुर दर्रा और गंगापुर को मतदान केंद्र बनाया गया है। ऐसे में उन्हें नदी पार करने की समस्या से निजात मिल गई है। इसके अलावा लक्ष्मीपुर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय हरमंदिर कला पर बने मतदान केंद्र और उच्च प्राथमिक विद्यालय कंपोजिट नई कोट में सुगम रास्ता नहीं है।

ग्राम पंचायत बनरसिहा खुर्द में मतदान केंद्र का रैंप व शौचालय तो ठीक है लेकिन खिड़की टूटी है। कमरों में विद्युत आपूर्ति की स्थिति ठीक नहीं है। बूथ स्थल पर चार पहिया वाहन नहीं पहुंच सकते हैं। ग्राम प्रधान प्रभुदयाल वर्मा ने बताया कि पांच सौ मीटर दूर वाहन खड़ाकर पहुंचना होगा। इससे बुुजुर्ग व बीमार मतदाताओं को परेशानी होगी। इस ओर प्रशासन को ध्यान देना होगा।

बात को आगे बढ़ाते हुए वह कहते हैं कि इस प्रकरण में दो वर्ष से ब्लाक व जिले के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी तरह कंपोजिट विद्यालय मुंडली मतदान केंद्र पर दिव्यांग शौचालय नहीं है।

जिलाधिकारी अनुनय झा ने कहा कि मतदान केंद्रों का सत्यापन कराया जा रहा है। जहां कहीं कमियां हैं, उसे ठीक कराया जा रहा है। बिजली कनेक्शन लगवाने की प्रक्रिया चल रही है। शौचालय, पेयजल और खिड़की की व्यवस्था दुरुस्त कराई जा रही है। 25 अप्रैल तक मतदान केंद्रों को पूरी तरह से व्यवस्थित करने का निर्देश दिया गया है।

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