देश में 77 फीसद लोगों की भाषा बनी ¨हदी

देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बन गई है ¨हदी। भारत में 77 फीसद लोग ¨हदी बोलते हैं

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Sep 2018 11:02 PM (IST) Updated:Thu, 13 Sep 2018 11:02 PM (IST)
देश में 77 फीसद लोगों की भाषा बनी ¨हदी
देश में 77 फीसद लोगों की भाषा बनी ¨हदी

महराजगंज : देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बन गई है ¨हदी। भारत में 77 फीसद लोग ¨हदी का प्रयोग करने लगे हैं जो ¨हदी के महत्व को रेखांकित करता है। 14 सितंबर 1949 को राज भाषा का दर्जा पाने वाली ¨हदी ने आजादी के बाद अब तक तमाम उतार-चढ़ाव देखे पर झंझावतों से लड़ते हुए ¨हदी ने आम से लेकर खास वर्ग में अपनी पहचान बनाने में कामयाबी हासिल की। जिस दिन बैंकों में ¨हदी का प्रयोग होने लगेगा, उस दिन ¨हदी को राष्ट्र भाषा को अधिकार पाने से कोई नहीं रोक सकेगा। जागरण ने जिले के प्रबुद्ध नागरिकों व शिक्षा विदें से बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के अंश

------------------------ जनता व सरकार के बीच संवाद का माध्यम बनी राजभाषा ¨हदी:

राज्य या प्रशासन को राज भाषा कहते हैं। इसके माध्यम से सभी प्रशासनिक कार्य किए जाते हैं। सरकार व जनता के बीच संबंध का माध्यम बनने के कारण ही ¨हदी को राजभाषा का दर्जा मिला। वैसे जब से प्रशासन की परंपरा प्रचलित हुई है, तबसे राज भाषा ¨हदी का प्रयोग किया जा रहा है। वर्तमान समय में ¨हदी पूर्ण रूप से न सिर्फ भारतीय प्रशासन की भाषा बन गई है वरन वाणिज्य, शिक्षा, व्यापार तथा उद्योग धंधों की भाषा के रूप में भी ¨हदी प्रतिष्ठित हो गई है। यही कारण है कि वर्तमान समय में देश में 77 फीसद लोग ¨हदी भाषा का उपयोग करने लगे हैं। इतना ही नहीं भारत के शिक्षित वर्ग के व्यवहार की भी भाषा अपनी ¨हदी बन गई है। ¨हदी का प्रयोग करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। इसलिए ¨हदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिलना चाहिए।

डा. महेश मणि त्रिपाठी

प्राचार्य, जवाहर लाल नेहरू पीजी कालेज

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अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है ¨हदी: भाषा वह साधन है, जिसके माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति अपने विचारों को दूसरे के समक्ष अभिव्यक्त करता है। यह ऐसी शक्ति है जो मनुष्य को मानवता प्रदान करती है और उसका सम्मान व यश बढ़ाती है। जिसे वाणी का प्रदान प्राप्त हो, वह बड़े से बड़े पद पर प्रतिष्ठित हो सकता है। वर्तमान समय में राज भाषा ¨हदी के बढ़ते प्रयोग से समाज में मानवता को बल मिला है और इस भाषा ने ¨हदी भाषी क्षेत्र का मान भी बढ़ाया है। अब तो विदेशों में भी ¨हदी भाषा की पढ़ाई होने लगी है जो राज भाषा के लिए गौरव की बात है। देश में प्राथमिक ही नहीं माध्यमिक व उच्च शिक्षा में राज भाषा ¨हदी छाई हुई है। इसलिए ¨हदी को अब राष्ट्र भाषा का दर्जा मिलना ही चाहिए। डा. घनश्याम पांडेय

शिक्षाविद् व पूर्व प्राचार्य पीजी कालेज

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राष्ट्र भाषा बनने की हकदार है ¨हदी: ¨हदी को 14 सितंबर 1949 को यूं ही राज भाषा का दर्जा मिला और 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान बना। उस समय यह कहा गया कि धीरे-धीरे ¨हदी भाषा अंग्रेजी पर प्रभुत्व बना लेगी। हालांकि आजादी के 70 वर्ष बाद ¨हदी को राष्ट्र भाषा का स्थान मिल जाना चाहिए था पर नहीं मिला। इसका बड़ा कारण आभिजात्य वर्ग में अंग्रेजी का प्रयोग होना है और बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाने की बढ़ती मानसिकता है। इसके बाद भी देश में 77 फीसद लोग राज भाषा ¨हदी का प्रयोग कर रहें हैं जो ¨हदी की बढ़ती लोकप्रियता का उदाहरण है। मिल जुल कर सम्मिलित प्रयास करने से ¨हदी को राष्ट्र भाषा का दर्जा प्राप्त हो सकता है, क्योंकि अब तो सरकारी, अर्ध सरकारी, गैर सरकारी व आम जनता के बीच संवाद का सशक्त माध्यम ¨हदी बन चुकी है।

डा. परशुराम गुप्त

शिक्षाविद्

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बैंकों में भी हो ¨हदी का प्रयोग: ¨हदी को सन 1949 में राज भाषा का दर्जा मिला। कार्यालयों में ¨हदी का प्रयोग भी बढ़ा पर अभी भी कुछ कार्यालय हैं जहां अंग्रेजी में पत्राचार किया जाता है। बैंकों में ¨हदी से अधिक अंग्रेजी का प्रयोग हो रहा है। इस पर विराम लगाया जाना चाहिए। जिस दिन बैंकों में ¨हदी का पूर्ण प्रयोग होने लगेगा उसी दिन राज भाषा ¨हदी को राष्ट्र भाषा के रूप में स्वीकार कर लिया जाएगा। जरूरत है एक जुट होकर ¨हदी को राष्ट्र भाषा बनाने के लिए संघर्ष करने की। जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी के नारे को धरातल पर उतारने की जरूरत है। देश में 77 फीसद लोगों द्वारा ¨हदी बोलने के कारण इसे राष्ट्र भाषा का दर्जा मिलना चाहिए।

विजय बहादुर ¨सह

प्रधानाचार्य जीएसबीएस इंटर कालेज

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