हाई अलर्ट के बाद भी नो मेंस लैंड पर तस्करी का खेल

महराजगंज: पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में पेट्रोलियम पदार्थों व खाद्यान्नों की किल्लत ने सीमावर्ती क्षेत्र

By Edited By: Publish:Thu, 26 Nov 2015 11:31 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2015 11:31 PM (IST)
हाई अलर्ट के बाद भी नो मेंस लैंड पर तस्करी का खेल

महराजगंज:

पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में पेट्रोलियम पदार्थों व खाद्यान्नों की किल्लत ने सीमावर्ती क्षेत्र का जनजीवन ही बदल दिया है। हर तरफ तस्करी की बाढ़ सी आ गयी है। आलम यह है कि सीमा पर आतंकी घुसपैठ को लेकर हाई अलर्ट घोषित होने के बावजूद सरहद के नोमेंस लैंड पर तस्करी का डीजल व पेट्रोल बेचने व खरीदने के लिए मेला लग रहा है। गंभीर सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जब सरहद पर तैनात सुरक्षा एजेंसियां तस्करों की भीड़ को सीमा पार करने से नहीं रोक पा रही हैं। तो वह आतंकी घुसपैठ पर कैसे लगाम लगायेंगी। हांलाकि गुरुवार को सोनौली सीमा, श्यामकाट व फरेंदी तिवारी गांव के पास गश्त पर निकले एसएसबी जवानों ने नोमैंस लैंड पर लगे तस्करों के मेले को हटाने के लिए तस्करों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा और तस्करी का दो हजार लीटर डीजल पकड़ा। वहीं दूसरी तरफ पुलिस व कस्टम कर्मी नेपाल की तरफ जा रहे तस्करों से वसूली करते नजर आये। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सीमा पर जिस तरह का माहौल बना है। उसमें कब कोई घुसपैठ हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है।

भारत-नेपाल सीमा इन दिनों कई बातों को लेकर अतिसंवेदनशील हो गयी है। एक तरफ संविधान की मांग को लेकर मधेशियों के आंदोलन को लेकर नेपाल अशांत है। दूसरी अशांत माहौल का फायदा उठा कर आतंकी संगठनों की घुसपैठ की संभावना बढ़ गयी है। फ्रांस व कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद सोनौली सीमा व आसपास के नाकों पर भी हाई अलर्ट घोषित है। मगर सरहद पर इन दिनों जिस तरह तस्करों की धमाचौकड़ी चल रही है। उसने सुरक्षा एजेंसियों के अलर्ट पालन के दावों की पोल खोल दी है। सोनौली मुख्य सीमा के अलावा केवटलिया, फरेंदी तिवारी, श्यामकाट, भगवानपुर, खनुवा, मुडिला व संपतिहा गांव के पास नोमैंस लैंड पर तस्करों की लग रही भीड़ ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उठा दिये हैं। मगर पुलिस व कस्टम विभाग द्वारा तस्करी की खुली छूट देने के कारण अकेले एसएसबी सीमावर्ती क्षेत्र में अराजक गतिविधियां रोकने में परेशान हैं। गुरुवार को एसएसबी ने तस्करों पर कड़ा रुख अपनाते हुए कई स्थानों पर नोमैंस लैड पर लग रहे तस्करों के जमावड़े को हटाने की कोशिश की। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या सीमावर्ती क्षेत्र में सेवा देने आये पुलिस व कस्टम विभाग देश की सुरक्षा व उसके राजस्व नुकसान से कोई सरोकार नहीं है।

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