योगी सरकार बाहुबलियों पर सख्त, अतीक के बाद विधायक विजय मिश्रा पर शिकंजा

भदोही जिले के बाहुबली विधायक विजय मिश्र की इलाहाबाद के अल्लापुर के साथ ही उनके गांव सैदाबाद की कई सम्पत्तियों को कल देर रात को सील कर दिया गया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Fri, 02 Jun 2017 10:18 AM (IST) Updated:Fri, 02 Jun 2017 02:06 PM (IST)
योगी सरकार बाहुबलियों पर सख्त, अतीक के बाद विधायक विजय मिश्रा पर शिकंजा
योगी सरकार बाहुबलियों पर सख्त, अतीक के बाद विधायक विजय मिश्रा पर शिकंजा

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में भले ही अपराध पर लगाम न लग पा रही हो, लेकिन सरकार बाहुबलियों पर शिकंजा कस रही है। माफिया से नेता बने अतीक अहमद के बाद अब सरकार की नजरें एक और सफेदपोश विजय मिश्रा पर टेढ़ी हैं। इलाहाबाद में बाहुबली विधायक विजय मिश्रा के दो घरों को सील किया गया है। 

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार लगातार बाहुबलियों पर कानून का शिकंजा कस रही है। इलाहाबाद में माफिया तथा पूर्व सांसद अतीक अहमद के बाद अब का है, जहां भदोही जिले के बाहुबली विधायक विजय मिश्र की इलाहाबाद के अल्लापुर के साथ ही उनके गांव सैदाबाद की कई सम्पत्तियों को कल देर रात को सील कर दिया गया।

इतना ही नहीं बाहुबली विधायक के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है। पुलिस और प्रशासन की साझा कार्रवाई के दौरान विधायक और उनके परिवार के लोग घर पर नहीं थे। विधायक और परिवार इलाहाबाद में ही रहता है। इस बार बाहुबली विजय मिश्र के जिन दो मकानों को सील किया गया है, उसे 2009 में गैंगस्टर लगने और उनके फरार होने के बाद ही सील कर दिया गया था।

2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद बाहुबली विधायक विजय मिश्र ने मकानों की सील को कोर्ट की मंजूरी के बिना ही तोड़ दिया था और परिवार संग फिर से यहां रहने लगे थे।

यह भी पढ़ें: छेड़छाड़ के आरोपी को छुड़ाने के लिए छात्र नेताओं ने थाने पर दिया धरना

सत्ता परिवर्तन के बाद बाहुबली विजय मिश्र पर भी शिकंजा कसने लगा। कल देर रात अल्लापुर और सैदाबाद गांव में उनके घरों को सील कर दिया गया। कार्रवाई शुरू होते ही विधायक ने अपना मोबाइल भी बंद कर दिया। विजय मिश्र भदोही के ज्ञानपुर से कई बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बने। इस बार टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने समाजवादी पार्टी को छोड़ दिया और निषाद पार्टी से चुनाव लड़े थे। बाहुबली विजय मिश्र पर अलग-अलग थानो में अपहरण, हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, छिनैती समेत कई मुकदमे दर्ज हैं।

यह भी पढ़ें: दुल्हन ने दिखाई हिम्मत, अधेड़ दूल्हा देख लौटाई बरात 

मुश्किल में बाहुबली अतीक के साथ भाई अशरफ 

बहुजन समाज पार्टी के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद की जमानत निरस्त होने के बाद अब छोटे भाई पूर्व विधायक अशरफ की जमानत भी निरस्त कराने की तैयारी है। राजू पाल की विधवा और पूर्व विधायक पूजा पाल ने अशरफ की जमानत निरस्त कराने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दी है। अर्जी पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विपिन सिन्हा ने अशरफ को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। मामले की सुनवाई चार जुलाई को होगी। अर्जी में कहा गया है कि राजूपाल की हत्या में अशरफ भी शामिल कहा है और अतीक के बराबर का ही अभियुक्त है। हत्या वाले दिन वह घटनास्थल पर भी मौजूद था।

यह भी पढ़ें: पीलीभीत में खनन माफिया का पुलिस पर हमला, सिपाही घायल

अशरफ को भी हाईकोर्ट से 2006 में जमानत मिल गयी थी। इसके बाद साक्ष्यों को नष्ट करने और गवाहों को धमकाने में और अपहरण करने में वह भी शामिल रहा। इसके बाद भी वह अतीक के साथ ही लगातार कई अपराधों में शामिल रहा है। अशरफ भाई अतीक के साथ ज्यादातर मुकदमों में सह अभियुक्त है। उसके जमानत पर बाहर रहने पर याची को उसी प्रकार खतरा बना हुआ है जैसे अतीक के बाहर रहने पर था। कोर्ट इस मामले में चार जुलाई को सुनवाई करेगी। परसों ही हाईकोर्ट ने राजूपाल हत्याकांड में अतीक की जमानत निरस्त कर दी थी।

chat bot
आपका साथी