मदरसा बोर्ड की परीक्षा का बदलेगा स्वरूप, पुराना व बोझिल स्वरूप बदलकर बनाया जा रहा सरल

उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद अरसे से पुराने ढर्रे पर चल रहा था। उत्तर प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी तब से मदरसा बोर्ड में भी सुधार किए जा रहे हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 19 Aug 2019 08:33 PM (IST) Updated:Tue, 20 Aug 2019 07:49 AM (IST)
मदरसा बोर्ड की परीक्षा का बदलेगा स्वरूप, पुराना व बोझिल स्वरूप बदलकर बनाया जा रहा सरल
मदरसा बोर्ड की परीक्षा का बदलेगा स्वरूप, पुराना व बोझिल स्वरूप बदलकर बनाया जा रहा सरल

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद अपने परीक्षा स्वरूप में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। प्रश्नपत्रों का पुराना व बोझिल स्वरूप बदलकर इसे सरल बनाया जा रहा है। इसमें लघु उत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय व बहु विकल्पीय प्रश्नों को जोड़ा जा रहा है। अन्य बोर्ड की तर्ज पर मदरसा बोर्ड भी एक विषय का एक प्रश्नपत्र आयोजित करेगा। इसके लिए पाठ्यक्रम का भी पुनर्गठन किया जा रहा है।

दरअसल, उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद अरसे से पुराने ढर्रे पर चल रहा था। उत्तर प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी तब से मदरसा बोर्ड में भी सुधार किए जा रहे हैं। फर्जी मदरसों पर लगाम लगाने के लिए मदरसा पोर्टल में इनका पंजीकरण कराने के बाद अब बोर्ड अपने परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव करने जा रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि मदरसों के छात्र-छात्राएं भी दूसरे बोर्ड के युवाओं के साथ मुकाबला कर सकें। मदरसा बोर्ड से मिलने वाली डिग्री की अहमियत बढ़े इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं।

इसी के तहत मदरसा बोर्ड वर्ष 2020 में पाठ्यक्रम का भी पुनर्गठन करने जा रहा रहा है। इसके तहत जिस विषय का पाठ्यक्रम बड़ा है उसके प्रश्नपत्रों में एक से अधिक खंड होंगे। सभी खंडों से से प्रश्नों को हल करना जरूरी होगा। बोर्ड ने यह भी तय किया है कि मुंशी व मौलवी के लिए अब अनिवार्य पांच विषयों थियोलॉजी, अरबी साहित्य/फारसी साहित्य, उर्दू साहित्य, सामान्य अंग्रेजी व सामान्य हिंदी के केवल एक-एक प्रश्नपत्र होंगे। इसी प्रकार वैकल्पिक विषय गणित, गृह विज्ञान, लॉजिक एंड फिलास्फी, सामाजिक अध्ययन, विज्ञान एवं तिब में एक विषय की परीक्षा देनी होगी।

आलिम में भी अनिवार्य चार विषयों थियोलॉजी, अरबी साहित्य/फारसी साहित्य, उर्दू साहित्य व सामान्य अंग्रेजी का एक-एक प्रश्नपत्र देना होगा। वैकल्पिक विषयों गृह विज्ञान, सामान्य हिन्दी, लॉजिक एंड फिलास्फी, सामाजिक अध्ययन, विज्ञान, तिब एवं टाइपिंग में से एक प्रश्नपत्र देना होगा। पाठ्यक्रम का पुनर्गठन इस तरह से किया जा रहा है ताकि मदरसा बोर्ड के छात्र भी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो सकें। उन्हें दीनी तालीम के साथ ही दुनियावी तालीम भी मिल सके। इसलिए पाठ्यक्रम समिति यह देखेगी कि इसमें क्या नया जोड़ा जाए व क्या हटाया जाए।

मदरसों का बढ़ेगा परीक्षा शुल्क

मदरसा बोर्ड शीघ्र ही परीक्षा शुल्क बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। कई वर्षों से मदरसा बोर्ड ने परीक्षा शुल्क नहीं बढ़ाया है। इसलिए इसमें 30 से 50 फीसद तक की बढ़ोत्तरी करने की तैयारी है। आज भी मदरसों में 150 से 250 रुपये ही परीक्षा शुल्क लिया जा रहा है।  

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