UPPCL PF Scam : स्वीकृति पत्र पर संजय अग्रवाल के जाली हस्ताक्षर, फोरेंसिक जांच में मिलान नहीं

UPPCL PF Scam फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में हस्ताक्षर संजय अग्रवाल के नहीं पाए जाने के बाद अब जांच एजेंसी इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आखिर वह हस्ताक्षर किसने किए थे।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 17 Feb 2020 11:59 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 08:31 AM (IST)
UPPCL PF Scam : स्वीकृति पत्र पर संजय अग्रवाल के जाली हस्ताक्षर, फोरेंसिक जांच में मिलान नहीं
UPPCL PF Scam : स्वीकृति पत्र पर संजय अग्रवाल के जाली हस्ताक्षर, फोरेंसिक जांच में मिलान नहीं

लखनऊ, जेएनएन। UPPCL PF Scam : उत्तर प्रदेश में बिजलीकर्मियों के भविष्य निधि घोटाले के मामले में आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) की जांच में एक नया बिंदु शामिल हो गया है। मार्च 2017 को ट्रस्ट बोर्ड की बैठक में भविष्य निधि की रकम डीएचएफएल में निवेश किए जाने का जो अप्रूवल दिया गया था, उसमें उप्र पावर कारपोरेशन (यूपीपीसीएल) के तत्कालीन अध्यक्ष संजय अग्रवाल के जाली हस्ताक्षर किए गए थे। फोरेंसिक जांच रिपोर्ट में हस्ताक्षर संजय अग्रवाल के नहीं पाए जाने के बाद अब जांच एजेंसी इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आखिर वह हस्ताक्षर किसने किए थे। ईओडब्ल्यू ने फोरेंसिक रिपोर्ट हाई कोर्ट में भी दाखिल की है। डीजी ईओडब्ल्यू ने फोरेंसिक रिपोर्ट में संजय अग्रवाल के हस्ताक्षर न होने की पुष्टि की है।

पीएफ घोटाले में ईओडब्ल्यू की टीम ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात वरिष्ठ आइएएस अधिकारी संजय अग्रवाल से दिल्ली जाकर पूछताछ की थी। इसके बाद संजय अग्रवाल को लखनऊ बुलाकर कई पन्नों पर उनके हस्ताक्षर के नमूने लिए गए थे और उन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया था। ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया था कि 15 मार्च 2017 को निजी कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) से कोटेशन लिया गया था। अगले ही दिन 16 मार्च को दो और निजी कंपनियों से कोटेशन लिए गए थे और इसी दिन डीएचएफएल में भविष्य निधि की रकम निवेश किए जाने का अप्रूवल दे दिया गया था।

ईओडब्ल्यू की जांच में यह भी सामने आया था 22 मार्च 2017 को ट्रस्ट बोर्ड की बैठक में भविष्य निधि की रकम डीएचएफएल में निवेश किए जाने का अप्रूवल दिया गया था। पांच सदस्यीय बोर्ड की बैठक संबंधी जो दस्तावेज ईओडब्ल्यू के हाथ लगे थे, उसमें उप्र पावर कारपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष संजय अग्रवाल, एमडी एपी मिश्र, निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी, सचिव ट्रस्ट पीके गुप्ता व निदेशक कार्मिक सत्यप्रकाश पांडेय (दिवंगत हो चुके) के हस्ताक्षर थे। एक वरिष्ठ अधिकारी का दावा है कि अब तक की जांच में आपराधिक षड्यंत्र में संजय अग्रवाल की भूमिका सामने नहीं आई है।

बड़ों को बख्शने का दिया था हवाला

पीएफ घोटाले में आरोपित तत्कालीन निदेशक वित्त सुधांशु द्विवेदी ने अपनी जमानत अर्जी दाखिल कर प्रकरण में बड़ों की भूमिका की जांच न किए जाने का हवाला दिया था। इसी कड़ी में ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में संजय अग्रवाल के हस्ताक्षर की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट दाखिल की है।

कई अन्य की भूमिका जांच के घेरे में

ईओडब्ल्यू की जांच के दायरे में अभी तीन-चार और संदिग्धों की भूमिका है। जल्द कुछ अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। वहीं आरोपित ट्रस्ट सचिव पीके गुप्ता के बेटे अभिनव समेत कुछ अन्य आरोपितों के खिलाफ जल्द आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किए जाने की भी तैयारी है।

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