डा. आशाराम से छिना प्रभार, डा. परशुराम बने अध्यक्ष

लखनऊ : उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष डा. आशाराम की कारगुजारियों पर अ

By Edited By: Publish:Sat, 02 Aug 2014 02:06 AM (IST) Updated:Fri, 01 Aug 2014 10:55 PM (IST)
डा. आशाराम से छिना प्रभार, डा. परशुराम बने अध्यक्ष

लखनऊ : उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के कार्यवाहक अध्यक्ष डा. आशाराम की कारगुजारियों पर अंकुश लगाने के लिए आखिरकार सरकार ने पूर्णकालिक अध्यक्ष की तैनाती कर दी है। आशाराम की जगह अब लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा.परशुराम पाल को अब नया अध्यक्ष बनाया गया है। डा. पाल के नाम पर मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इस बाबत शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया है।

नये अध्यक्ष का कार्यकाल कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से पांच वर्ष या 68 वर्ष की आयु में से जो भी पहले हो, तक रहेगा। चयन बोर्ड अधिनियम के मुताबिक बोर्ड में अध्यक्ष के अलावा दस सदस्य होने चाहिए। डा.पाल की नियुक्ति के बाद अब बोर्ड में अध्यक्ष के अलावा सात सदस्य हो गए हैं। सदस्यों के तीन पद अब भी खाली हैं। बता दें, डा. देवकी नंदन शर्मा के निधन के बाद से चयन बोर्ड के अध्यक्ष का पद रिक्त था। लिहाजा बोर्ड के वरिष्ठतम सदस्य डा.आशाराम को कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया गया था। उन्होंने ने नियमों को दरकिनार कर अशासकीय सहायताप्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के चयन के लिए अभ्यर्थियों को बिना कॉल लेटर जारी किये साक्षात्कार कराए। जब चयन बोर्ड की तत्कालीन सचिव नीना श्रीवास्तव और उप सचिव सीएल चौरसिया ने इसका विरोध किया तो डा.आशाराम ने दोनों अधिकारियों का चार्ज एक बाबू को सौंप दिया जबकि उन्हें ऐसा करने का अधिकार नहीं था। मामला सुर्खियों में आने पर तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा मंत्री इकबाल महमूद ने डा.आशाराम और अन्य सदस्यों को लखनऊ तलब किया था। यह मामला मुख्यमंत्री तक भी पहुंचा था। तभी यह तय हो गया था कि बोर्ड में चल रहीं कारगुजारियां रोकने के लिए सरकार जल्द वहां पूर्णकालिक अध्यक्ष तैनात करेगी। हालांकि यह विवाद सुर्खियों में आने के बाद सरकार ने इकबाल महमूद की जगह महबूब अली को माध्यमिक शिक्षा मंत्री बना दिया। बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव को हटाकर वहां नये अधिकारी की तैनाती कर दी।

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