यूपी पालीटेक्निक में पढ़ाई के साथ मिलेगी नौकरी, प्राविधिक शिक्षा विभाग ने इस बड़ी कंपनी से किया करार

कोरोना काल के चलते जहां तकनीकी शिक्षा को लेकर विशेष कार्ययोजना बनाई जा रही है तो दूसरी ओर पालीटेक्निक में पढ़ाई के साथ पक्की नौकरी मिल सके इसके लिए तकनीकी ज्ञान में सुधार की कवायद भी शुरू हो रही है।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Mon, 17 Jan 2022 01:06 PM (IST) Updated:Tue, 18 Jan 2022 07:12 AM (IST)
यूपी पालीटेक्निक में पढ़ाई के साथ मिलेगी नौकरी, प्राविधिक शिक्षा विभाग ने इस बड़ी कंपनी से किया करार
154 राजकीय और 19 सहायता प्राप्त संस्थानों में बच्चों को बाजार के अनुरूप निखारने का कार्य किया जाएगा।

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। कोरोना काल के चलते जहां तकनीकी शिक्षा को लेकर विशेष कार्ययोजना बनाई जा रही है तो दूसरी ओर पालीटेक्निक में पढ़ाई के साथ पक्की नौकरी मिल सके इसके लिए तकनीकी ज्ञान में सुधार की कवायद भी शुरू हो रही है। प्राविधिक शिक्षा मंत्री जितिन प्रसाद की पहल पर स्वयं सेवी संस्थान मेधा के साथ अगले पांच वर्षों के लिए हुए कारार के बाद अब इसमे तेजी आएगी। प्राविधिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार और मेधा के सह संस्थापक ब्योमकेश मिश्रा के बीच हुए करार में अगले पांच वर्षों तक लखनऊ समेत सूबे की सभी 154 राजकीय और 19 सहायता प्राप्त संस्थानों में बच्चों के कौशल विकास को बाजार के अनुरूप निखारने का कार्य किया जाएगा। 

लखनऊ पालीटेक्निक के प्रधानाचार्य राजेंद्र सिंह ने बताया कि संस्थान विद्यार्थियों के अंदर तकनीकी शिक्षा को लेकर एक जुनून पैदा करता है जो उनके अंदर एक नई सोच के रूप में सामने आता है। मेधा के प्रशिक्षक अशोक पांडेय ने बताया कि संस्थान का उद्देश्य है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में स्थापित पालीटेक्निक के बच्चों के अंदर समान रूप से तकनीक का समावेश हो सके। कोई भी युवा मांग के अनुरूप खुद को तकनीकी रूप से तैयार हो सकें। छात्राओं के अंदर भी पालीटेक्निक के प्रति लगाव बढ़ाने का कार्य भी संस्थान करेगा। कंपनियों से संपर्क कर विद्यार्थियों को वहां दौरा कराया जाएगा जिससे उनके अंदर कार्यशाला का अनुभव भी हो सके। 

काउंसिलिंग पर जोरः संस्थान की ओर से पालीटेक्निक के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों करियर काउंसिलिंग भी की जाएगी जिससे उनके अंदर समझ बढ़ने के ही करियर के अनुरूप खुद को तैयार करने का उत्साह बढ़ जाए। 21वीं सदी में तकनीकी शिक्षा की मांग के अनुरूप संस्थानों में सुधार की इस पहल से शिक्षा की गुणवत्ता के साथ ही बच्चों के अंदर भी उत्साह जागृत होगा जिसका असर उनके भविष्य पर पड़ेगा।

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