यूपीपीसीएस 2018 में एसडीएम के 116 पद, डिप्टी एसपी समेत कई पद बढ़ेंगे

शासन ने एसडीएम के 116 पदों का अधियाचन भेजा है। अधियाचन मिलने में विलंब के चलते परीक्षा की तारीख में मामूली बदलाव के भी आसार हैं। आयोग शीघ्र ही पदों की गणना कर परीक्षा कार्यक्रम तैयार करेगा।

By Ashish MishraEdited By: Publish:Wed, 25 Apr 2018 11:30 AM (IST) Updated:Wed, 25 Apr 2018 04:19 PM (IST)
यूपीपीसीएस 2018 में एसडीएम के 116 पद, डिप्टी एसपी समेत कई पद बढ़ेंगे
यूपीपीसीएस 2018 में एसडीएम के 116 पद, डिप्टी एसपी समेत कई पद बढ़ेंगे

इलाहाबाद (जेएनएन)। उप्र लोकसेवा आयोग से पीसीएस 2018 प्रारंभिक परीक्षा का संक्षिप्त विज्ञापन (नोटिफिकेशन) शीघ्र ही जारी होगा। आयोग को एसडीएम के पदों पर अधियाचन मिलने का इंतजार था, शासन ने आयोग को एसडीएम के 116 पदों का अधियाचन भेज दिया है। वहीं, अन्य पदों का अधियाचन पहले ही आ चुका है। आयोग में परीक्षा कार्यक्रम पर विचार विमर्श भी शुरू हो गया है।

आयोग ने पीसीएस 2018 की प्रारंभिक परीक्षा 24 जून को पहले ही प्रस्तावित कर रखी है। इसके लिए तैयारियां तेजी से की जा रही हैं। करीब दो दर्जन पदों के अधियाचन आयोग को शासन से समय-समय पर मिल गए थे लेकिन, एसडीएम के पद का अधियाचन न आने से तैयारी जहां की तहां रुकी रही। इस इंतजार को खत्म करते हुए शासन ने एसडीएम के 116 पदों का अधियाचन भेजा है। अधियाचन मिलने में विलंब के चलते परीक्षा की तारीख में मामूली बदलाव के भी आसार हैं। आयोग शीघ्र ही पदों की गणना कर परीक्षा कार्यक्रम तैयार करेगा।

वहीं पीसीएस परीक्षा को यूपीएससी के पैटर्न पर कराने की शासन से मंजूरी मिलने के बाद पीसीएस 2018 की तैयारियों को बल मिल गया है। आयोग के सचिव जगदीश ने बताया है कि शीघ्र ही आयोग की बैठक में विचार विमर्श होगा। कुल पदों की गणना के आधार पर परीक्षा कार्यक्रम तैयार होगा। इसके बाद विज्ञापन जारी किया जाएगा। हालांकि इसकी संभावित तारीख के संबंध में सचिव का कहना था कि आयोग की बैठक में निर्णय होगा।

पीसीएस में अब बढ़ेंगे मेधावियों के लिए अवसर

राज्य में प्रशासनिक अधिकारियों के चयन के लिए आयोजित की जाने वाली पीसीएस परीक्षा की प्रणाली में बदलाव से मेधावियों के लिए अवसर बढ़ेंगे। साक्षात्कार के अंकों में कमी से जहां आयोग की मनमानी और पक्षपात पर अंकुश लगेगा, वहीं मुख्य परीक्षा में बदलाव से अभ्यर्थी के व्यक्तित्व को भी आंका जा सकेगा। इस फैसले के बाद प्रतियोगियों के बीच असली होड़ मुख्य परीक्षा में ही रहेगी।

पीसीएस परीक्षा के साक्षात्कार में पक्षपात के आरोप काफी पहले से लगते रहे हैं। सपा शासनकाल में हुई परीक्षाओं में प्रतियोगियों ने यह आरोप मुखर होकर लगाए थे। साक्षात्कार के लिए 200 अंक निर्धारित थे, जिसमें किसी को 80 से कम और 140 से अधिक अंक नहीं दिए जाते। यदि किसी को दिया जाता है, तो इंटरव्यू बोर्ड को नोटिंग करनी पड़ती है कि इस वजह से अधिक अंक दिए गए हैं। इसका लाभ उठाकर मनमाने ढंग से अंक दिए गए।

इसका परिणाम यह हुआ कि कई अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में अधिक अंक हासिल करने के बाद भी साक्षात्कार में कम अंक पाने की वजह से चयनित नहीं हो पाए। उदाहरण के लिए प्रतियोगी छात्र वैभव पांडेय के लिए पीसीएस का साक्षात्कार वाटरलू साबित हुआ। इसी प्रकार तीन बार परीक्षा दे चुके उदयभन द्विवेदी को भी साक्षात्कार के कम अंकों की वजह से ही मायूस होना पड़ा।

प्रतियोगी छात्र समिति के सचिव अवनीश पांडेय सरकार के इस फैसले को सराहनीय बताते हैं। उनके अनुसार इससे प्रतियोगियों के केंद्र में लिखित परीक्षा होगा और वह कुंठा व अवसाद से भी बचे रहेंगे। गौरतलब है कि राज्य सरकार भर्ती परीक्षाओं में साक्षात्कार को अनियमितता का एक प्रमुख कारण मानती रही है। इसी वजह से समूह ग की सभी परीक्षाओं में साक्षात्कार खत्म किए जा चुके हैं। पीसीएस के साक्षात्कार में अंकों में कमी करके सरकार ने इस कड़ी को आगे बढ़ाया है।  

chat bot
आपका साथी