दो अन्य बंदियों को रखा गया हाई सिक्योरिटी बैरक में

लखनऊ जेएनएन। जिला कारागार में बंदी द्वारा मोबाइल से अपराधियों की बात कराए जाने के मामले मे

By JagranEdited By: Publish:Sun, 22 Nov 2020 01:16 AM (IST) Updated:Sun, 22 Nov 2020 01:16 AM (IST)
दो अन्य बंदियों को रखा गया हाई सिक्योरिटी बैरक में
दो अन्य बंदियों को रखा गया हाई सिक्योरिटी बैरक में

लखनऊ, जेएनएन। जिला कारागार में बंदी द्वारा मोबाइल से अपराधियों की बात कराए जाने के मामले में दो और बंदियों की संलिप्तता सामने आई है। इसके बाद दोनों बंदियों को अलग-अलग हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। इसके अलावा अन्य बंदियों से भी पूछताछ की जा रही है। हालांकि अभी तक मोबाइल मिलने की आधिकारिक जानकारी जेल प्रशासन ने नहीं दी है। अधिकारी बंदी (राइटर) अंकित मिश्रा के पास से सिर्फ चार्जर मिलने की बात स्वीकार कर रहे हैं। उधर मोबाइल होने की बात से अधिकारी इंकार भी नहीं कर रहे, पर बरामदगी नहीं दिखा रहे हैं। डीजी जेल आनंद कुमार के निर्देश पर जिला जेल में जांच के लिए गए डीआइजी जेल की पूछताछ में भी जेल अधिकारियों ने चुप्पी साध ली और सिर्फ चार्जर बरामद होने की बात स्वीकारी। इंदिरा नहर में फेंका गया मोबाइल! जेल सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने मुख्यालय के अधिकारियो की फटकार और कार्रवाई के डर से बंदी अंकित मिश्रा के पास से बरामद मोबाइल को इंदिरा नहर में फेंकवा दिया। इसके बाद मोबाइल बरामदगी के नाम पर चुप्पी साध गए। चार्जर और सिम को सुरक्षित रख लिया गया है, जिसकी पड़ताल की जा रही है। नहीं हो सके बंदियों के बयान शनिवार को नारी बंदी निकेतन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के जन्मदिन पर कार्यक्रम होना था। कार्यक्रम में सभी जेल और प्रशासनिक अधिकारी व्यस्त रहे। इस कारण डीआइजी जिला कारागार नहीं जा सके और न ही बंदियों के बयान हो सकें। डीआइजी जेल संजीव त्रिपाठी ने बताया कि प्राथमिक जांच में चार्जर ही मिला है, मोबाइल अभी बरामद नहीं हुआ। हालांकि जब चार्जर मिला है तो मोबाइल भी होना स्वाभाविक है। पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। जल्द ही पूरी रिपोर्ट मुख्यालय को दी जाएगी। 20 सिपाही, चार दारोगा लाइन हाजिर पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने शनिवार को 20 सिपाहियों और चार दारोगाओं को लाइन हाजिर कर दिया। पुलिस कमिश्नरेट की ओर से गठित पुलिस स्थापना बोर्ड ने यह कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद जांच की गई। दोषी पाए जाने पर सभी पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। पुलिस स्थापना बोर्ड की टीम ने गोमतीनगर, पारा, मड़ियांव और नाका थाने के चार चौकी प्रभारियों को भी लाइन हाजिर किया है। वहीं, बंथरा और पारा थाने के दो दारोगा उत्तरी जोन भेजे गए हैं।

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