Defence Expo 2020: दुनिया ने सुनी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू तेजस की 'गर्जना', ये हैं सबसे खतरनाक विमान

Defence Expo 2020 तेजस-2 के निर्माण में मदद को लेकर विदेशी कंपनियां उत्सुक। सीनियर वैज्ञानिक ने कहा दुनिया से टक्कर को तैयार हम।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sat, 08 Feb 2020 11:05 AM (IST) Updated:Sun, 09 Feb 2020 07:56 AM (IST)
Defence Expo 2020: दुनिया ने सुनी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू तेजस की 'गर्जना', ये हैं सबसे खतरनाक विमान
Defence Expo 2020: दुनिया ने सुनी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू तेजस की 'गर्जना', ये हैं सबसे खतरनाक विमान

 लखनऊ [राजीव बाजपेयी]। चौथी पीढ़ी के स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान की खासियत, स्पीड और ताकत पूरी दुनिया देख ही चुकी है। यही वजह है, डिफेंस एक्सपो-2020 में आईं तमाम विदेशी कंपनियां इसकी मुरीद दिखीं। इसी के साथ पहली बार दुनिया ने तेजस-2 की शुरुआती गर्जना भी सुनी, जो स्वदेश में बना पांचवीं पीढ़ी का फाइटर प्लेन होगा। डीआरडीओ फिलहाल तेजस मार्क-2 के डिजाइन को अंतिम रूप देने में जुटा है। 

राजधानी में चल रहे डिफेंस एक्सपो में 50 से अधिक देशों ने हवा में तेजस की ताकत को देखा है। कम लागत और तमाम खूबियों के चलते सभी ने सराहा है। हालांकि, नजरें सभी की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के पांचवी पीढ़ी के भावी तेजस 2 पर टिकी थीं। जिसे एडवांस मीडिया कांबैट एयरक्राफ्ट (एमका) नाम मिला है। एयरोनॉटिक्स डवलपमेंट एजेंसी और डीआरडीओ इसमें मददगार हैं। तेजस-1 की तरह ही एमका भी पूरी तरह स्वदेशी फाइटर प्लेन होगा। 

एयरफोर्स को मेक इन इंडिया पर भरोसा 

भारतीय एयरफोर्स का पूरा फोकस मेक इन इंडिया पर है। चूंकि, दुनिया में पांचवीं पीढ़ी के विमानों की होड़ शुरू हो गई है। ऐसे में भारत भी तेजस-1 में लेटलतीफी से सबक लेते हुए पीछे नहीं रहना चाहता। कोशिश है कि तेजस-2 को ताकतवर और हर मौसम, प्लेटफार्म से उड़ान भरने लायक बनाया जा सके। टेक्नोलॉजी के मामले में भी यह पीछे न रहे। डिफेंस एक्सपो में आए डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक संजय गुप्ता ने जागरण को बताया कि हमारा फोकस भविष्य के दो इंजन, उच्च क्षमता वाले सेंसर और हाईपरसोनिक स्पीड वाले तेजस-2 पर है। इसकी पीछे मकसद धीरे-धीरे फ्रांस और रूस जैसे देशों की निर्भरता को कम करना है। तेजस-1 से हमने बहुत कुछ सीखा है। 

दुनिया के सबसे खतरनाक लड़ाकू विमान

1 - एफ-22 रैप्टर - अमेरिका का यह विमान  पकड़ से बाहर है। किसी रडार या एयरक्राफ्ट को लोकेशन नहीं देता है।

2 - चेंगदू जे-20 - चीन की पीपल लिबरेशन आर्मी का यह अचूक अस्त्र है। लेजर गाइडेड बम के साथ सेटेलाइट बम ले जाने की क्षमता। 45 हजार फिट पर उडऩे की क्षमता। 

 

3 - सुखोई - भारत और रूप के प्रयास से निर्मित विमान भारतीय वायुसेना की ताकत है। यह दुनिया के सबसे उन्नत स्टील्थ तकनीक वाला विमान है। 2100 किलोमीटर की प्रतिघंटा की स्पीड से दुश्मन पर वार करता है।

 

4 - लॉकहिड मार्टिन एफ-35 - अमेरिकी विमान सुपर एडवांस्ड कंप्यूटरों की मदद से आपरेट किया जाता है और यह रडार को चकमा देने में सक्षम है। यह ध्वनि की चाल से 1.6 गुना तेज है। 

 

5 - मित्सुबिशी एक्स-2 - पांचवीं पीढ़ी के इस विमान को जापान तैयार कर रहा है। इसकी गति ढाई हजार किलोमीटर मानी जा रही है जो सबसे अधिक होगी। पचास हजार फिट की ऊंचाई तक जाने में सक्षम है।

6 - यूरोफाइटर टाइफून - यूरोप की सबसे एडवांस्ड टेक्नालाजी है। दावा है कि यह अमेरिका के एफ-22 से मुकाबला कर सकता है। स्पीड 23 हजार किलोमीटर है और 55 हजार की ऊंचाई तक जाकर लड़ सकता है।

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