बुखार का खुद इलाज कर न लें Risk, डॉक्टर को फौरन दिखाएं-नहीं तो बढ़ सकती है दिक्कत Lucknow News

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संचारी रोग विभाग की निदेशक डॉ. मिथलेश चतुर्वेदी ने दिमागी बुखार से संबंधित कुछ खास बातें बताईं।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Fri, 05 Jul 2019 10:25 AM (IST) Updated:Wed, 10 Jul 2019 09:05 AM (IST)
बुखार का खुद इलाज कर न लें Risk, डॉक्टर को फौरन दिखाएं-नहीं तो बढ़ सकती है दिक्कत Lucknow News
बुखार का खुद इलाज कर न लें Risk, डॉक्टर को फौरन दिखाएं-नहीं तो बढ़ सकती है दिक्कत Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। दिमागी बुखार अपने आप में कोई रोग नहीं, बल्कि लक्षण है। कोई भी हाईग्रेड फीवर दिमागी बुखार में तब्दील हो सकता है। इसलिए बुखार के दिमागी बुखार में परिवर्तित होने का इंतजार न करें। बुखार होने पर तत्काल सरकारी अस्पताल जाकर चिकित्सक को दिखाएं और जांच कराएं।

ये महत्वपूर्ण जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संचारी रोग विभाग की निदेशक डॉ. मिथलेश चतुर्वेदी ने दी। गुरुवार को जागरण कार्यालय में आयोजित हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में उन्होंने दिमागी बुखार से संबंधित पाठकों के सवालों के जवाब दिए।

 

सवाल : एक साल आठ महीने का बच्चा है। बहुत दिनों से दिमागी बुखार है। दवा देते हैं तो बुखार उतर जाता है। दवा बंद करते ही बुखार फिर से वापस आ जाता है। क्या करें? (शिवशंकर मौर्या, फैजाबाद)

जवाब : ये दिमागी बुखार नहीं है। दिमागी बुखार एक हफ्ते का होता है। इसमें मरीज को बेहोशी आती है और वह चिड़चिड़ा हो जाता है। बच्चे को डॉक्टर को दिखाएं, पूरी जांच कराएं। तब बुखार के कारण का पता चलेगा। लखनऊ के किसी भी जिला अस्पताल में दिखा सकते हैं।

सवाल : हर साल गर्मी और बरसात के मौसम के बीच टायफाइड हो जाता है। क्या करें? (संदीप त्रिपाठी, कुशीनगर)

जवाब : टायफाइड दूषित पानी से होता है। पानी उबालकर ठंडा कर पीयें। या फिर क्लोरीन की एक गोली 20 लीटर पानी में डालकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें। इसके बाद पानी का इस्तेमाल करें। आसपास साफ-सफाई रखें।

सवाल : दिमागी बुखार के इलाज के लिए सीएचसी-पीएचसी कितने सक्षम हैं? क्या यहां जांच हो सकेगी? (शैलेंद्र कुमार, लखनऊ)

जवाब : सीएचसी-पीएचसी में जांच की सुविधा है। जहां नहीं है, वहां से सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए भेजा जाता है। बुखार आते ही पास के स्वास्थ्य केंद्र में दिखाएं। 

सवाल : 14 महीने का बच्चा है। अक्सर सिर गर्म रहता है। किसे दिखाएं? (अरुण कुमार गुप्ता, लखनऊ) 

जवाब : यदि बच्चा खाना खा रहा है और खेलकूद रहा है तो चिंता की बात नहीं है। उसे हल्के कपड़े पहनाएं और सीएचसी में बच्चे के डॉक्टर को दिखाएं। 

सवाल : मच्छर न पैदा हों, इसके लिए क्या करें? (शिवेंद्र सिंह, अंबेडकरनगर) 

जवाब : आसपास साफ-सफाई रखें। ठहरे हुए पानी में मच्छर पनपते हैं। ऐसे में अगल-बगल जलभराव न होने दें। कूलर का पानी नियमित बदलें। मच्छर काटने से बचने के लिए पूरी बांह के कपड़े पहनें और सोते समय मच्छरदानी लगाएं। 

सवाल : दिमागी बुखार की शुरुआती पहचान क्या है? (रमेश महेश्वरी, सुल्तानपुर) 

जवाब : दिमागी बुखार सामान्य तौर पर आप पहचान नहीं पाएंगे। दिमागी बुखार किस कारण हुआ है, यह जांच में ही पता चलता है। जैसे ही बुखार आए, तुरंत अस्पताल में दिखाएं। दिमागी बुखार एक से 15 साल के बच्चों को ज्यादातर होता है। 

सवाल : मेरी उम्र 80 साल है। छह साल पहले दिमागी बुखार हुआ था। एक महीना परेशान रहा। पिछले सप्ताह से सिर दर्द और बुखार है। क्या करें? (सुजात अली, लखनऊ) 

जवाब : उम्र बढऩे पर अंग शिथिल होने लगते हैं। आपका बुखार सामान्य लग रहा है। डॉक्टर से परामर्श लें। 

सवाल : मैं 40 वर्ष का हूं। जब तक दवा खाता हूं, तब तक आराम रहता है। दवा बंद तो बुखार फिर से चढ़ जाता है। क्या करें? (राजीव कुमार गुप्ता, रायबरेली)

जवाब : जिला अस्पताल में दिखाएं। यह दिमागी बुखार नहीं है। जांच कराने के बाद ही दवा शुरू करें। 

सवाल : क्या दिमागी बुखार का कोई टीका भी लगता है? (राजीव कुमार अरोड़ा, लखनऊ) 

जवाब : नहीं। टीका सिर्फ जेई का लगता है। 

सवाल : हल्का-हल्का बुखार बना रहता है, किसे दिखाएं? (सत्यप्रकाश, बलरामपुर) 

जवाब : खुद से इलाज न करें। सरकारी अस्पताल में दिखाएं। डॉक्टर की सलाह से ही दवा लें। 

सवाल : हल्की-हल्की ठंड लगती है। बुखार भी है। क्या करें? (सूर्य प्रताप, गोंडा)

जवाब : जिला अस्पताल में परामर्श लें। मलेरिया की जांच कराएं। 

सवाल : सीने में दर्द है। 10 दिनों से खांसी भी आ रही है। खांसते वक्त हल्का खून भी आ जाता है। क्या करें? (प्रकाश मोदी, लखनऊ) 

जवाब : यह टीबी के लक्षण हैं। आप बलगम की जांच कराएं। रिपोर्ट के अनुसार इलाज कराएं।

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