अब मंडलवार समीक्षा कर हार की जड़ तलाशेगी सपा

पराजित प्रत्याशियों के साथ मंथन के स्थान पर अब सपा ने मंडलवार समीक्षा का निर्णय लिया है, जिसकी शुरुआत 20 मार्च को मीरजापुर मंडल से होगी।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Sat, 18 Mar 2017 06:12 PM (IST) Updated:Sat, 18 Mar 2017 09:07 PM (IST)
अब मंडलवार समीक्षा कर हार की जड़ तलाशेगी सपा
अब मंडलवार समीक्षा कर हार की जड़ तलाशेगी सपा
लखनऊ (जेएनएन)। विधानसभा चुनाव में बेहद खराब रिजल्ट से रूबरू समाजवादी पार्टी ने हार की जड़ तक पहुंचने के तरीके में बदलाव किया है। पराजित प्रत्याशियों के साथ मंथन के स्थान पर अब मंडलवार समीक्षा का निर्णय लिया है, जिसकी शुरुआत 20 मार्च को मीरजापुर मंडल से होगी। इसमें भागीदारी के लिए संगठन के पदाधिकारियों को लखनऊ बुलाया गया है।
11 मार्च को विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रतिदिन जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में दो से तीन घंटे पराजित प्रत्याशियों, संगठन का जिम्मा संभाल रहे लोगों व समर्थकों से न सिर्फ मुलाकात कर रहे है बल्कि सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों के परिणाम का बूथवार ब्यौरा भी तैयार करा रहे है। किन क्षेत्रों में भितरघात हुआ और उसके पीछे कौन लोग थे, इसका डेटा तैयार करा रहे है। शुक्रवार को अखिलेश यादव ने लोगों से मुलाकात की और हार के कारण जानने का प्रयास किया। कहा कि नई ऊर्जा के साथ संघर्ष की तैयारी करें। चुनाव में हार को सकारात्मक तरीके से स्वीकारें। क्षेत्र के लोगों से संपर्क बनाये रखें। उनकी समस्या के समाधान को प्रयासरत रहें। यादव ने कहा कि यह ऐसा चुनाव था, जिसमें शीर्ष पदों पर आसीन लोगों ने झूठ का सहारा लिया। यह दूसरा चुनाव था, जिसमें झूठ के जरिये जनता को बहकाया गया। सपा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि वे जनता के सामने सच्चाई रखें। वह दिन जरूर आयेगा, जब जनता समाजवादी सरकार के कार्यो को सराहेगी।
मंडलीय बैठकों की सूचना भेजी गई
प्रदेश सचिव एसआरएस यादव की ओर से संगठन व पराजित प्रत्याशियों को फोन पर बताया गया कि अब राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मंडलवार समीक्षा करेंगे। इसके लिए प्रत्याशी हार के कारणों पर अपनी लिखित रिपोर्ट तैयार कर लायें। इसमें बूथवार मतों का ब्यौरा भी रहना चाहिए। 20 मार्च यानी सोमवार को मीराजापुर मंडल से इसकी शुरूआत होगी। इसके बाद 21 मार्च को चित्रकूट मंडल और 22 मार्च को झांसी मंडल के विधानसभा क्षेत्रों की समीक्षा होगी। ध्यान रहे, समाजवादी पार्टी अप्रत्याशित रूप से सभी बुंदेलखंड की सभी 19 सीटें हार गई है, जबकि इस क्षेत्र में सौर ऊर्जा प्लांट से लेकर सूखा राहत की विशेष परियोजनाएं भी चलाई गई थीं। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम भी इस क्षेत्र में लगा रखी थी। 
कार्यकारिणी में तीन बिन्दुओं पर चर्चा
अखिलेश यादव की अध्यक्षता में पहली बार 25 मार्च को लखनऊ में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सिर्फ तीन बिन्दुओं पर चर्चा होगी। पहला, सदस्यता अभियान शुरू करने पर चर्चा होगी। कार्यकारिणी के प्रतिनिधियों के नाम तय किये जाएंगे और  अक्टूबर में राष्ट्रीय अधिवेशन के स्थान व उसकी तिथि पर भी चर्चा होगी। विधानसभा-2017 में पराजय के कारणों पर विस्तार से चर्चा होगी। सपा छोड़कर दूसरे दलों में जाने वालों पुराने वफादारों की वापसी के लिए द्वार खोलने पर भी चर्चा संभव है। सपा के उपाध्यक्ष किरनमय नंदा का कहना है कि कार्यकारिणी में संगठन की मजबूती पर मुख्य रूप से चर्चा होनी है। चुनाव में हार जीत होती रहती है, मगर संगठन का एकजुट होना बहुत जरूरी है, लिहाजा इसी बात पर मुख्य फोकस होगा।  
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