केजीएमयू के छह हजार कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, चिकित्सा सेवाएं प्रभावित; जानें-क्या है वजह
पीजीआई के समान वेतन भत्ते न मिलने पर केजीएमयू के कर्मचारियों का गुस्सा भड़क उठा है। नाराज कर्मचारियों ने शुक्रवार को ओपीडी से लेकर इमजरेंसी सेवाएं ठप करने का ऐलान किया है। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ सकता है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। पीजीआई के समान वेतन भत्ते न मिलने पर केजीएमयू के कर्मचारियों का गुस्सा भड़क उठा है। नाराज कर्मचारियों ने शुक्रवार को ओपीडी से लेकर इमजरेंसी सेवाएं ठप करने का ऐलान किया है। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ सकता है। केजीएमयू की ओपीडी में रोजाना तीन हजार से अधिक मरीज आ रहे हैं। 4500 बेड हैं। ज्यादातर बेड भरे हैं। ट्रॉमा सेंटर में 150 से अधिक मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। शुक्रवार को नर्सिंग, पैरामेडिकल और टेक्नीशियन समेत दूसरे कर्मचारी काम नहीं करेंगे। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ सकता है। ओपीडी से लेकर भर्ती मरीजों इलाज हासिल करने में अड़चन आ सकती हैं। जांचें प्रभावित हो सकती हैं।
सुबह से ठप रहेगा कामकाजः केजीएमयू कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार ने कहा कि 2000 से अधिक नियमित पैरामेडिकल स्टाफ हैं। 1500 से अधिक लिपिक व दूसरे संवर्ग के कर्मचारी हैं। बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारियों ने कार्यबहिष्कार का समर्थन किया है। सुबह नौ से शाम पांच बजे तक आन्दोलन जारी रहेगा। मरीजों की दिक्कतों की जिम्मेदारी केजीएमयू प्रशासन की है।
पांच साल बाद नहीं लागू हुआ आदेशः प्रदीप गंगवार ने बताया कि 23 अगस्त 2016 केजीएमयू कर्मचारियों को पीजीआई के समान वेतनमान व भत्ते देने का आदेश जारी हुआ है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद जारी शासनादेश अभी तक अमल में नहीं आया। ऐसे में कर्मचारियों के कैडर का पुर्नगठन फंस गया है। प्रोन्नति भी नहीं मिल पा रही है। इससे कर्मचारियों का हर महीने हजारों रुपये का आर्थिक नुकसान हो रहा है।
यह सुविधाएं रहेंगी प्रभावित