सरोजनी नायडू पार्किंग केस : जून में पकड़ा गया गिरोह, पार्किंग में थी चोरी की कारें

लखनऊ एलडीए की जांच में सामने आ रहा है अहम तथ्य प्राधिकरण के कर्मचारियों ने कुबूली ये बड़ी सच्चाई। तीन बार सरोजनी नायडू पार्किंग में पकड़ी गड़बड़ी एक बार फिर कार बाजार के नाम लीपापोती की तैयारी।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 06:05 AM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 06:05 AM (IST)
सरोजनी नायडू पार्किंग केस : जून में पकड़ा गया गिरोह, पार्किंग में थी चोरी की कारें
तीन बार सरोजनी नायडू पार्किंग में पकड़ी गड़बड़ी एक बार फिर कार बाजार के नाम लीपापोती की तैयारी।

लखनऊ [ऋषि मिश्र]। तीन बार सरोजनी नायडू पार्क की पार्किंग एलडीए और पुलिस ने गड़बड़ियों का पकड़ा मगर नतीजा कार बाजार के नाम पर छोड़ दिया गया। इस बार अनेक साक्ष्य होने के बावजूद फिर से लीपापोती करने का अवसर तलाश रहा है। कार चोर के पास छह गाड़ियों के कागजों को वैध बता कर सबकुछ समेट रहे हैं। दूसरी ओर एलडीए इस मामले में अपने कर्मचारियों पर विभागीय जांच करवा रहा है। जिसमें शुरुआत में पता चला है कि जून में जो पुलिस ने कार चोरी करने वाले गिरोह को पकड़ा था, ये कारें भी उसी गिरोह से जुड़ी हुई हो सकती हैं, गाड़ियां तब से ही पार्किंग में खड़ी थीं मगर पुलिस ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। एलडीए के ठेकेदार से हैंडओवर लेने वाले कर्मचारियों ने भी घोर लापरवाही की थी।

ये कर्मचारी जांच के दायरे में

कर एवं राजस्व निरीक्षक राजेश कुमार यादव का काम समय समय पर पार्किंग की जांच करना था। राजेश की ओर से ही ये मुकदमा दर्ज करवाया गया है। प्रभारी अरविंद कुमार जिलेदार, सुपरवाइजर सत्य प्रकाश तिवारी, सुपरवाइजर नरेंद्र देव मिश्र, सफाई कर्मचारी मैकू लाल, कुली शैलेंद्र सिंह, गैंगमैन बम बहादुर सिंह, गैगमैन राजेश कुमार, सफाई कर्मचारी दिनेश, सफाई कर्मचारी विजय, सफाई कर्मचारी सुभाष की तैनाती थी।

क्या कहती हैं लविप्रा संयुक्त सचिव? 

लविप्रा संयुक्त सचिव ऋतु सुहास के मुताबिक, कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी। बहुत जल्द जांच की जा रही है। इन लोगों ने छोटे लालच में गाडि़यां खड़ी करवाईं। ये गाड़ियां जून से ही यहां खड़ी हुई थीं। मगर किसी ने भी टोका नहीं। इसी बात की जांच होगी।

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