यूपी में बंद होगी स्टांप पेपर की बिक्री, ई-स्टांपिंग की सुविधा के लिए नियुक्त होंगे 10 हजार विक्रेता

उत्तर प्रदेश में भौतिक स्टांप पेपर की बिक्री बंद होने जा रही है। यूपी की योगी सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में स्टांप पेपर की छपाई का कोई नया आर्डर न देने का फैसला किया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 16 Sep 2020 08:57 AM (IST) Updated:Wed, 16 Sep 2020 08:59 AM (IST)
यूपी में बंद होगी स्टांप पेपर की बिक्री, ई-स्टांपिंग की सुविधा के लिए नियुक्त होंगे 10 हजार विक्रेता
यूपी में बंद होगी स्टांप पेपर की बिक्री, ई-स्टांपिंग की सुविधा के लिए नियुक्त होंगे 10 हजार विक्रेता

लखनऊ [अजय जायसवाल]। उत्तर प्रदेश में भौतिक स्टांप पेपर की बिक्री बंद होने जा रही है। यूपी की योगी सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में स्टांप पेपर की छपाई का कोई नया आर्डर न देने का फैसला किया है। इससे प्रदेशवासियों को कोई दिक्कत न होने पाए इसके लिए सरकार ई-स्टांपिंग को बढ़ावा देगी। राज्य के दूर-दराज वाले क्षेत्रों में भी आसानी से ई-स्टांपिंग की सुविधा मुहैया कराने के लिए तकरीबन 10 हजार बेरोजगारों को बतौर स्टांप विक्रेता नियुक्त किया जाएगा। राज्य के स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने इस संबंध में जिलों को निर्देश जारी कर दिए हैं।

दरअसल, तेलगी स्टांप घोटाले के बाद से ही राज्य में ई-स्टांपिंग को बढ़ावा देने की कवायद तो शुरू हो गई, लेकिन भौतिक स्टांप पेपर की मांग भी बनी रही। स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल का कहना है कि भौतिक स्टांप पेपर के लिए अब कोई भी नया आर्डर नासिक या हैदराबाद प्रिंटिंग प्रेस को न देने का फैसला किया गया है। पिछले वर्षों के आर्डर से राज्य की ट्रेजरी में अभी तकरीबन 15 हजार करोड़ रुपये के स्टांप पेपर हैं, बस उन्हें ही बेच कर खत्म किया जा रहा है।

स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल का स्पष्ट तौर पर कहना है कि भौतिक स्टांप पेपर न मिलने से किसी को परेशानी न हो इसके लिए सरकार ने 10 हजार कंप्यूटर दक्ष नवयुवक और नवयुवतियों को ई-स्टांपिंग के लिए प्राधिकृत संग्रह केंद्र (एसीसी) के तौर पर स्टांप विक्रेता नियुक्त करने का अहम फैसला किया है। इस संबंध में महानिरीक्षक निबंधन मिनिस्ती एस. की ओर से सभी जिलों को आदेश दे दिया गया है।

पहले से जो स्टांप वेंडर हैं, उन्हें भी अब स्टॉक होल्डिंग कारपोरेशन ऑफ इंडिया के माध्यम से किसी भी वैल्यू तक की ई-स्टांपिंग के लिए अधिकृत किया गया है। सभी को कमीशन के तौर पर 0.5 फीसद का 0.23 प्रतिशत यानी एक लाख रुपये की ई-स्टांपिंग पर 115 रुपये मिलेंगे। विभागीय प्रमुख सचिव वीणा कुमारी मीणा ने बताया कि स्टांप पेपर न मंगाने से उसकी छपाई व ढुलाई आदि का तकरीबन 100 करोड़ रुपये सालाना बचेगा।

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