PM Kisan Yojana: पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों की भूमि का होगा सत्यापन, पोर्टल पर दर्ज होगा किसानों की जमीनों का ब्योरा

उत्‍तर प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पाने वाले क‍िसानों की भूमि का ब्योरा राजस्व कर्मियों को पोर्टल पर दर्ज करना होगा। मुख्य सचिव का सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा क‍ि 31 तक भूम‍ि सत्‍यापन का कार्य पूरा कराएं।

By Prabhapunj MishraEdited By: Publish:Sat, 02 Jul 2022 07:11 AM (IST) Updated:Sat, 02 Jul 2022 03:58 PM (IST)
PM Kisan Yojana: पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों की भूमि का होगा सत्यापन, पोर्टल पर दर्ज होगा किसानों की जमीनों का ब्योरा
पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों की भूमि का होगा सत्यापन

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ पाने वाले किसानों की भूमि का सत्यापन होगा। मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को सत्यापन कार्य 31 जुलाई तक पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं। उप कृषि निदेशक ग्रामवार किसानों का विवरण पोर्टल से निकालकर संबंधित तहसील को देंगे, राजस्व कर्मी पोर्टल पर विवरण दर्ज करेंगे। इसकी निगरानी उपजिलाधिकारी करेंगे। 

पीएम किसान योजना में लाभार्थी को तीन समान किस्तों में दो-दो हजार रुपये दिए जाते हैं। प्रदेश के दो करोड़ 59 लाख किसानों को 47397 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। केंद्र व प्रदेश सरकार पात्र किसानों को ही योजना का मिले इसके लिए कई स्तरों पर पात्रता जांची जा रहा है, जैसे आधार से जोडऩा, पीएफएमएस पोर्टल व आयकर विभाग के सर्वर से आयकर दाताओं की पहचान की गई है।

अब फिर केंद्र सरकार ने किसानों की नए सिरे से पहचान कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए पीएम किसान पोर्टल पर पंजीकरण, अपात्र किसानों को चिन्हित करके उन्हें डिलीट करना, ई-केवाइसी का कार्य पूरा करना और उनकी भूमि का सत्यापन किया जाना है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि लाभार्थी किसानों की भूमि का सत्यापन 31 जुलाई तक कराया जाए।

केंद्र सरकार ने पीएम किसान का डाटा डाउनलोड करने व राजस्व विभाग की ओर से भूमि संबंधी सूचना एक्सेल शीट पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। राजस्व कर्मी अपने गांव का ब्योरा दर्ज करेंगे। पोर्टल पर भूमि का ब्योरा तहसील लाग इन से अपलोड किया जाएगा। सत्यापन के दौरान मृत किसान, भूमिहीन या अन्य वजह से अपात्र पाए जाने वालों का चिन्हित करते हुए उन्हें अलग से इंगित किया जाएगा, लाभार्थी को मिलने वाली किस्तें रोकी जाएंगी और पहले दी जा चुकी धनराशि की वसूली होगी।

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